पुलिस अधिकारियों को बरामदे में ही 2 महिलाएं घायल पड़ी दिखाई दीं. पूछने पर सुभाष ने बताया कि एक महिला उस की बहू डौली है तथा दूसरी रिश्तेदार सुषमा है. पुलिस अधिकारियों ने इन दोनों को इलाज हेतु सैफई अस्पताल भिजवा दिया. इस के बाद पुलिस अधिकारी आंगन में पहुंचे तो वहां 3 लाशें पड़ी थीं. इन की हत्या गला काट कर बड़ी बेरहमी से की गई थी. आंगन में खून ही खून फैला था.
पूछने पर सुभाष ने बताया कि एक लाश उस के छोटे बेटे अभिषेक उर्फ भुल्लन (20 वर्ष) की है, जबकि दूसरी लाश दामाद सौरभ (26 वर्ष) की है. तीसरी लाश बेटे के दोस्त दीपक (21 वर्ष) की है.
अभिषेक उर्फ भुल्लन मृतक सोनू
लाश के पास ही खून सना फरसा पड़ा था. शायद उसी फरसे से उन का कत्ल किया गया था, इसलिए फरसे को पुलिस ने सुरक्षित कर लिया.
एसपी विनोद कुमार सहयोगियों के साथ आंगन से जीने के रास्ते छत पर पहुंचे तो वहां का दृश्य देख कर वह चौंक गए. कमरे के अंदर सुभाष के बेटे सोनू व उस की नई नवेली दुलहन सोनी की लाश पड़ी थी. उन दोनों के हाथ की मेहंदी व पैरों की महावर अभी छूटी भी न थी कि उन्हें मौत की नींद सुला दिया गया था. उन दोनों की हत्या भी गला काट कर ही की गई थी. सोनू की उम्र 23 साल के आसपास थी, जबकि सोनी की उम्र 20 वर्ष थी.