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नीतू ने एक नजर से सहेली को देखा, वह जैसे ही जाने लगी उस ने उस से नजर चुरा कर लाखन का गिफ्ट पैकेट ले लिया. लाखन तुरंत साइकिल का पैडल मार कर आगे बढ़ गया.

नीतू ने सहेली को पुकारा, “अरे मुझे अकेला छोड़ कर जाएगी क्या? ठहर, मैं आ रही हूं.”

इसी के साथ नीतू दौड़ती हुई सहेली के पास आ गई. वह बोली, “देख, लाखन के बारे में घर में किसी को नहीं बतइयो, वरना मेरी पढ़ाई छुड़वा देंगे!”

“मैं क्यों बताने लगी भला उस के बारे में! तू उस से संभल कर रहियो. वह आवारा है.”

दोनों चुपचाप घर की ओर चल दिए. रास्ते में उन के बीच कोई और बात नहीं हुई. नीतू ने घर आ कर रात में लाखन का दिया हुआ गिफ्ट खोला. उस में घड़ी थी. वह खुश हो गई, लेकिन सोच में पड़ गई कि किसी को क्या बोल कर उसे पहनेगी? उस बारे में पिता और दूसरे लोग पूछेंगे, तब वह उस बारे उन से क्या बोलेगी? इसी उधेड़बुन में उस की आंख लग गई.

अगले रोज सुबह उस की नींद देर से खुली. फटाफट स्कूल जाने की तैयारी करने लगी. इसी अफरातफरी में लाखन के गिफ्ट का पैकेट बिछावन के नीचे गिर गया था. वह स्कूल चली गई. शाम को सहेली संग घर लौटी, तब वह घड़ी उस के पिता भगवान सिंह हाथ में थी. उन्होंने उस घड़ी के बारे में उस से पूछ लिया. वे नाराज दिखे. उन की नाराजगी को सहेली ने ही दूर किया. वह बोली कि उस ने राखी पर मिले पैसों से यह खरीदी है.

इस पर भगवान सिंह सिर्फ इतना ही बोले कि वह मन लगा कर पढ़ाई करे. इधरउधर की बातों में न पड़े, वरना परीक्षा में फेल होने पर नाम कटवा देंगे. पिता की बात सुन कर नीतू का मन थोड़ा हलका हुआ. ‘जी पापा!’ बोल कर वह घर के भीतर चली गई.

एक तरफ लाखन से उस की नजदीकियां बढ़ रही थीं. जबकि इस की खबर गांव में फैल गई. दोनों की शिकायतें भगवान सिंह के पास आने लगीं. भगवान सिंह पहले ही उस के रंगढंग देख कर बहुत कुछ समझ चुके थे. उन्होंने समझदारी से काम लिया और तुरंत उस के योग्य लडक़ा देखा और 2017 में शादी कर दी.

बिना मरजी के हो गई शादी

नीतू की शादी राजगढ़ जिले में ही राजेंद्र नामक युवक से हुई थी. शादी हो जाने के बाद लाखन उस की जिंदगी से जा चुका था. शादी के कुछ साल बाद नीतू 2 बच्चों की मां बन गई. वह एक बेटा और बेटी पा कर बेहद खुश थी, लेकिन पति के साथ उस की अच्छी नहीं बनती थी. इस कारण वह अपने बच्चों के साथ अकसर मायके आ जाती थी और फिर कुछ दिन रह कर अपने ससुराल चली जाती थी.

यह सिलसिला चल रहा था. मायके वालों को भी बिना वजह यहां आना अच्छा नहीं लगता था. इस पर पड़ोसी भी तरहतरह की बातें करते थे. इस दौरान नीतू की पूर्व प्रेमी लाखन से भी मुलाकातें हो जाती थीं. लाखन अब एक सुलझा हुआ जिम्मेदार व्यक्ति बन गया था.

एक बार तो हद ही हो गई. नीतू ने बच्चों को ले कर मायके आते ही सब को अपना फैसला सुना दिया कि वह अब अपनी ससुराल कभी नहीं जाएगी. मायके में बच्चों का अपने दम पर पालनपोषण करेगी. पिता की खेतीबाड़ी में हाथ बंटाएगी.

उस ने बताया कि पति उसे प्रताडि़त करता है. उसे मारतापीटता रहता है. नीतू को मायके में पनाह मिल गई. लेकिन वे नीतू के पति के साथ बिगड़े संबंध सुधारने की कोशिश करने लगे. इसी बीच नीतू का लाखन से मिलनाजुलना ज्यादा बढ़ गया. उसे गांव में एकमात्र लाखन ही अपना हमदर्द लगा. उस से अपने दिल का हाल सुनातेसुनाते आगे की जिंदगी उस के जिम्मे सौंपने का फैसला ले लिया.

लाखन ने भी इस पर बहुत जल्द निर्णय ले लिया. दोनों की नजदीकियां बढऩे और साथ रहने की खबर एकदूसरे के कानों से होते हुए पूरे गांव में फैल गई. जिस ने भी सुना, वही दांतों तले अंगुली दबा कर रह गया और थूथू करने लगा. सभी ने इसे समाज परिवार के लिए गलत बताया.

गांव वाले इस के लिए नीतू के परिवार वालों को ही दोषी ठहरा रहे थे. उसी दौरान नीतू के पिता भगवान सिंह की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन घर में मर्द के रूप में भाई का निर्णय ही चलता था. चाचा का भरापूरा परिवार भी था. सभी को नीतू की हरकतें बुरी लगीं.

नीतू और लाखन ने भी अपनेअपने घर वालों से दूर खेत में ही अपनी दुनिया बसा ली. वे गांव से 3 किलोमीटर दूर खेत में छोटा सा टपरीनुमा घर बना कर रहने लगे. जबकि लाखन के पिता बहादुर सिंह और मां श्याम कुंवर परिवार के सदस्यों के साथ गांव में ही रह रहे थे. गांववालों ने लखन को नीतू से दूरी बना कर रहने के बारे में भी समझाया था. नीतू के भाई अंकुर ने तो उन्हें धमकी तक दे डाली थी कि लाखन ने नीतू से दूरी नहीं बनाई तो बापबेटे को मौत के घाट उतार देंगे.

नीतू की वजह से हुई घर वालों की बदनामी

जुलाई, 2022 में नीतू अचानक घर से लापता हो गई थी. परिवार के लोगों ने उस की खोजखबर लेने के लिए लाखन से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह भी अपने घर से गायब मिला. इस बाबत माचलपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई.

कुछ समय बाद माचलपुर पुलिस दोनों को राजस्थान के झालावाड़ से खोज कर गांव ले आई. उस के बाद ही नीतू और लाखन के परिजनों समेत ग्रामीणों को मालूम हुआ कि उन्होंने 8 जुलाई, 2022 को शादी कर ली थी और नीतू लाखन के साथ रहने चली गई थी.

इसे ग्रामीणों और परिजनों ने बिरादरी में चली आ रही परंपरा के खिलाफ समझा. बिरादरी की यह बात अंकुर के दिल में चुभ गई कि उस की बहन ने उसे समाज में कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा था. रातदिन उस की यह हरकत दिमाग में घूमने लगी. वह इस बदनामी को भुला नहीं पा रहा था. चाचा और चचेरे भाई को भी यह सब चैन से जीने नहीं दे रहा था.

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