व्यवसायी और भाजपा नेता प्रकाश बकाले की कोठी में एक नहीं, बल्कि 4 लाशें खून से लथपथ पड़ी थीं. मृतकों में उन का जवान बेटा कार्तिक भी था. आखिर कौन थे हत्यारे जो इतनी सुरक्षित कोठी में वे वारदात को अंजाम दे कर आसानी से चले गए? इस हत्याकांड की वजह क्या रही?
अंदर का दृश्य इतना खौफनाक था कि देख कर अच्छेअच्छों का कलेजा कांप जाए. कमरे में खून में डूबी 4 लाशें पड़ी थीं. प्रकाश और सुनंदा के बेटे कार्तिक की लाश कमरे में आगे ही चित पड़ी थी. मेहमान बन कर सगाई में आए परशुराम हदीमा (54 साल), उन की पत्नी लक्ष्मी (47 साल) और उन की 17 साल की बेटी आकांक्षा की लाश कमरे के बीचोबीच खून से लथपथ पड़ी थी.
यह सब देख कर प्रकाश और सुनंदा तो गश खा कर गिर पड़े. उन की हालत देख कर पड़ोसियों ने उन्हें संभाला. भाजपा नेता की कोठी में उन के बेटे सहित 4 लोगों की हत्या का मामला था. इसलिए पुलिस ने तुरंत आईजी रेंज और जिले के सभी बड़े पुलिस अधिकारियों सहित फोरैंसिक टीम और डौग स्क्वायड को बुला लिया. जिले के एसपी बालासाहब नेमगौडा तुरंत घटनास्थल पर आ पहुंचे. थोड़ी ही देर में आईजी विकास कुमार भी आ गए थे.
कर्नाटक में बेंगलुरु से 415 किलोमीटर दूर गडग जिला कर्नाटकी संगीत, साहित्य, कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. हिंदुस्तानी संगीत की धरोहर जैसे भारतरत्न पंडित भीमसेन जोशी गडग के ही निवासी थे. 24 मार्च, 2024 की सुबह साढ़े 3 बजे गडग में चेन्नमा चौराहे के पास दासरगली की कालोनी की कोठियों में रहने वाले परिवार भयानक चीखपुकार सुन कर जाग गए थे. कलेजे को कंपा देने वाली चीखें आ रही थीं.