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राहुल ने सतीश के साथ बैठ कर राजीव को रास्ते से हटाने की बात कही तो उस ने हामी भर ली. राजीव को मौत की नींद सुलाने के लिए एक लाख 60 हजार रुपए में सौदा हुआ. सतीश को 60 हजार रुपए एडवांस देने थे, बाकी रकम काम पूरा होने के बाद देनी थी. राजीव की मौत का सौदा कर सतीश ने गांव अहमदाबाद निवासी अरुण तथा रवि को भी अपने साथ शामिल कर लिया.

सुपारी किलर तैयार हो जाने के बाद सीमा ने उन्हें 60 हजार रुपए एडवांस दे दिए. इस के बाद वह मौके का इंतजार करने लगे थे. राहुल जानता था कि शराब पीना राजीव की सब से बड़ी कमजोरी है. भले ही राजीव ने उसे उस की बीवी के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया था, लेकिन राहुल फिर भी हिम्मत कर के शराब की एक बोतल ले कर राजीव के कमरे पर पहुंच गया. उस वक्त सीमा भी कमरे पर नहीं थी.

राहुल ने राजीव के सामने पड़ते ही माफी मांगी. राहुल के हाथ में शराब की बोतल देखते ही राजीव पुरानी बातों को भुला बैठा. उस दिन फिर से दोनों भाइयों ने एक साथ बैठ कर शराब पी तो सारे गिलेशिकवे मिट गए. उसी दौरान राजीव ने राहुल के सामने बात रखते हुए कहा, ‘‘भाई, मैं इस वक्त बहुत ही परेशान हूं. अगर हो सके तो किसी भी तरह से कुछ रुपयों का इंतजाम करा दे. वह जिंदगी भर उस का अहसान नहीं भूलेगा.’’

राजीव की बात सुनते ही राहुल के चेहरे पर मुसकान उभर आई. उसे जिस रास्ते की चाह थी, वह खुदबखुद राजीव ने उसे बता दिया था. राहुल ने उसे विश्वास दिलाया कि वह जल्द ही उस के लिए कहीं से पैसे का इंतजाम करा देगा. उस के बाद राहुल अपने कमरे पर चला गया.

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