साहिल को देख कर निक्की खुश हो गई. तब निक्की की बहन दूसरे कमरे में चली गई थी. दोनों रात भर बातें करते रहे. फिर तड़के में निक्की बहन को बिना बताए साहिल के साथ फ्लैट से निकल गई.
दोनों को गोवा जाना था. वे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर पहुंचे. लेकिन रिजर्वेशन न मिलने पर वे कार से आनंद विहार पहुंचे. वहां से भी कोई ट्रेन नहीं मिली तो उन्होंने उत्तराखंड के पहाड़ों पर घूमने का प्रोग्राम बनाया और साहिल उसे ले कर आनंद विहार बसअड्डा पहुंचा. वहां से भी उस समय कोई बस नहीं मिली तो दोनों कार में आ कर बैठ गए. अब साहिल का जाने का कार्यक्रम कैंसल हो गया. अब वह किसी तरह निक्की से पीछा छुड़ाना चाहता था.
चूंकि उसी दिन उस की बारात जानी थी, इसलिए साहिल को टेंशन हो रही थी.
उधर सुबह होने पर निक्की की छोटी बहन ने निक्की और साहिल को गायब पाया तो 6 बजे सुबह उस ने निक्की को फोन किया. निक्की ने बताया कि वह साहिल के साथ है, ठीक है और उस की चिंता न करे.
साहिल के भी घर से गायब हो जाने पर घर वाले परेशान हो गए क्योंकि उसी दिन उस की बारात जानी थी, इसलिए 4-5 गाडि़यों में सवार हो कर घर वाले, रिश्तेदार, दोस्त उसे ढूंढने के लिए निकल पड़े. लेकिन उस का पता न चला.
साहिल उसे कार में बिठा कर बेमकसद सड़कों पर कार दौड़ाता रहा. निक्की उस से लड़ रही थी. निक्की की जिद थी कि वह आज ही उस लड़की से रिश्ता तोड़ ले. साहिल उसे अपने प्यार का वास्ता दे कर समझा रहा था, ‘‘निक्की, मैं घर वालों की बात नहीं ठुकरा सकता, मुझे शादी कर लेने दो. मैं तनमन से फिर भी तुम्हारा ही रहूंगा.’’