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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला बरेली के थाना भोजीपुरा का एक गांव है कैथोला बेनीराम. जसवीर अपने परिवार के साथ इसी गांव में रहता था. गांव का वह बेहद संपन्न किसान था.

22 नवंबर को वह बरेली शहर में रह कर पढ़ रहे अपने तीनों बच्चों से मिलने जाने लगा तो पत्नी गुरप्रीत से कहा कि चाहे तो वह भी साथ चल सकती है. गुरप्रीत को भी तीनों बच्चों से मिले काफी समय हो गया था, इसलिए उस ने सोचा कि वह भी चली जाए. एक तो बच्चों से मुलाकात हो जाएगी, दूसरे वहां से वह अपनी जरूरत के सामान भी खरीद लेगी.

गुरप्रीत तैयार हो गई तो जसवीर उसे मोटरसाइकिल से बरेली ले गया. पहले गुरप्रीत ने खरीदारी की, उस के बाद दोनों बच्चों से मिलने गई. मम्मीपापा को साथ आया देख कर बच्चे काफी खुश हुए. बच्चों से मिलने में उन्हें काफी देर हो गई. गुरप्रीत की इच्छा बच्चों को छोड़ कर घर आने की नहीं हो रही थी, लेकिन जब अंधेरा होने लगा तो जसवीर ने उस से घर चलने को कहा.

गुरप्रीत को भी लगा कि देर करना ठीक नहीं है, इसलिए बच्चों को प्यार कर के वह पति के साथ मोटरसाइकिल से गांव की ओर चल पड़ी. जाड़े के दिनों में दिन छोटा होने की वजह से अंधेरा जल्दी घिर आता है. जसवीर जल्दी घर पहुंचना चाहता था, इसलिए वह खेतों के बीच बनी सडक़ से तेजी से घर की ओर चला जा रहा था.

रास्ता सुनसान था. जैसे ही वह गांव के पास नत्थू मुखिया के खेतों के नजदीक पहुंचा, 2 मोटरसाइकिल सवारों ने उसे ओवरटेक कर के अपनी मोटरसाइकिल उस के आगे अड़ा दी. मजबूरन जसवीर को अपनी मोटरसाइकिल रोकनी पड़ी. तभी एक और मोटरसाइकिल उस के पीछे आ कर इस तरह खड़ी हो गई कि वह उन लोगों से बच कर भाग न सके. दोनों मोटरसाइकिलों पर बैठे चारों लोग उतर कर उस के सामने आ गए.

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