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एसपी प्रशांत वर्मा ने सीओ (सिटी) कपिलदेव मिश्रा के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बनाई, जिसे रामभरोसे की खोज में लगा दिया गया. पुलिस टीम ने कई शराब ठेकों पर उस की खोज की लेकिन उस का पता नहीं चला. पुलिस टीम रामभरोसे की खोज करते हुए जब जीटी रोड स्थित एक ढाबे पर पहुंची तो वह वहां बरतन साफ करते मिल गया. रामभरोसे को हिरासत में ले कर पुलिस टीम सदर कोतवाली लौट आई.

थानाप्रभारी रवींद्र कुमार श्रीवास्तव ने श्यामा के नशेड़ी पति रामभरोसे के पकड़े जाने की खबर पुलिस अधिकारियों को दी तो एसपी प्रशांत वर्मा और एएसपी राजेश कुमार कोतवाली आ गए. पुलिस अधिकारियों ने रामभरोसे को जब उस की पत्नी और 4 बेटियों द्वारा आत्महत्या करने की बात बताई तो उस के चेहरे पर पत्नी और बेटियों के खोने का कोई गम नहीं था.

पूछताछ में उस ने बताया कि उस की नशे की लत को ले कर घर में अकसर झगड़ा होता था. 3 दिन पहले उसका पत्नी से झगड़ा और मारपीट हुई थी. श्यामा ने जहर खा कर जान देने की धमकी भी दी थी, लेकिन उस ने नहीं सोचा था कि श्यामा सचमुच बेटियों के साथ जान दे देगी. वह ठंडी सांस ले कर बोला, ‘‘साहब, पूरा परिवार खत्म हो गया है, अगर कोई मुझे जहर ला कर दे दे तो मैं भी जहर खा कर मर जाऊंगा.’’

एएसपी राजेश कुमार ने रामभरोसे पर नफरत भरी निगाह डाली, फिर बोले, ‘‘रामभरोसे, तेरी क्रूरता और नशेबाजी की वजह से तेरी पत्नी व बेटियों ने अपनी जान दे दी. वह तो मर गई, लेकिन तुझे तिलतिल मरने को छोड़ गई. अब पश्चाताप के आंसू बहाने से कोई फायदा नहीं. तुझे तेरे कर्मों की सजा कानून देगा.’’

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