नौकरी लग जाने के बाद बृजेश नोएडा में ही रहने लगा. रेनू बच्चों के साथ गांव में ही रही. रेनू पर नजर रखने के लिए उस ने भाई राजेश व पिता बेचेलाल को बोल दिया था. लेकिन चचेरे देवर की दीवानी रेनू किसी न किसी बहाने देह मिलन कर ही लेती थी. कभीकभी वह फोन कर के भी मोहित को घर बुला लेती थी.
बृजेश कभी 15 दिन में तो कभी माह के अंत में आता था. रेनू दिखावे के तौर पर उस से प्यार का नाटक करती थी. लेकिन जब अड़ोसपड़ोस के लोग उस के कान भर देते थे तो वह मोहित को ले कर उस से झगड़ा व मारपीट करता था. हालांकि अब मोहित ने बृजेश से दोस्ती कर ली थी और उस के साथ शराब पार्टी करने लगा था. चूंकि भाई व पिता ने मोहित को ले कर कभी शिकायत नहीं की थी, सो वह समझने लगा था कि दोनों सुधर गए हैं.
आहत रेनू हो गई घायल नागिन
26 जनवरी, 2023 को बृजेश के परिवार में शादी समारोह था. इस समारोह में शामिल होने बृजेश शाम 4 बजे घर आ गया. उस के बाद वह शादी में जाने की तैयारी में जुट गया. रात 8 बजे किसी बात को ले कर रेनू और बृजेश के बीच तकरार होने लगी. बातोंबातों में तकरार इतनी बढ़ गई कि बृजेश ने रेनू को रूई की तरह धुन दिया. मारपीट से बच्चे सहम गए और रोतेसिसकते राजेश के घर पहुंच गए. राजेश की पत्नी तारा ने किसी तरह बच्चों को चुप कराया.
इधर बृजेश की मारपीट ने आग में घी डालने का काम किया. आहत रेनू ने बृजेश के जाते ही अपने प्रेमी मोहित को फोन किया और उसे तुरंत घर आने को कहा. थोड़ी देर बाद मोहित घर आया तो रेनू उस से लिपट गई और बोली, “मोहित, मैं बृजेश से आजिज आ गई हूं. वह बातबेबात मुझे पीटता है. अभी कुछ देर पहले ही वह मेरी देह को सुजा कर घर से निकला है. मैं उस से निजात चाहती हूं. ताकि मैं बाकी की जिंदगी तुम्हारे साथ गुजार सकूं.”