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अलवर के अपर जिला एवं सेशन कोर्ट में काफी गहमागहमी थी. अदालत के कमरे में दरजनों वकील, कोर्ट के कई कर्मचारी, मुकदमे से जुड़े लोगों के अलावा कमरे के बाहर कोर्ट परिसर में मीडियाकर्मी मौजूद थे. उन्हें संभालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की फौज की भी मौजूदगी थी. कोर्ट में इतनी भीड़ का कारण एक खास मुकदमा था, जिस का फैसला सुनाया जाना था.

दरअसल, मामला 5 जनों की हत्या का था. हत्याकांड भी कोई ऐसावैसा नहीं, बल्कि इस की मुख्य आरोपी एक मां थी. वह पत्नी थी और ताइक्वांडो सीखने वाले किशोर उम्र के बच्चों की गुरु भी. हत्याकांड का यह मामला 5 साल 5 महीना पुराना था. इस मामले में अंक 5 का गजब संयोग था.

हत्याकांड की वारदात 2 अक्तूबर, 2017 के आधी रात की थी, जो अलवर के शिवाजी पार्क कालोनी में घटित हुई थी. उस की तहकीकात में आरोप शादीशुदा महिला ताइक्वांडो कोच संतोष शर्मा पर लगा था. हत्याकांड के पीछे उस से 10 साल छोटे नवयुवक के साथ प्यार का पागलपन बताया गया था. आरोप था कि प्यार में पागल संतोष शर्मा ने प्रेमी और उस के 2 साथियों की मदद से न केवल पति को, बल्कि किशोर उम्र अपने ही 3 बेटों और एक भतीजे की हत्या करवा दी थी.

अदालत की काररवाई शुरू होने से चंद मिनट पहले दोनों मुलजिम, महिला कोच संतोष शर्मा और उस के प्रेमी हनुमान उर्फ हनी को कोर्टरूम में लाया गया. वहां उपस्थित लोग उन्हें देखने के लिए उतावले हो गए. कोई अपनी गरदन उचका कर, कोई गरदन इधरउधर घुमाते हुए टेढ़ी कर तो काई अपना मुंह बिचका कर दोनों को देखने की कोशिश कर रहा था. जबकि संतोष शर्मा ने अपने पतले दुपट्टे से चेहरे को पूरी तरह से ढंक रखा था और हनुमान के चेहरे पर मास्क लगा हुआ था.

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