बैडमिंटन खेलतेखेलते दीपा शादीशुदा और अपनी से दोगुनी उम्र के बबलू से इस कदर प्यार करने लगी कि अपने घर वालों की खिलाफत के बावजूद भी, उस ने बबलू से शादी कर ली. बाद में सुमन नाम की एक महिला के साथ बनी नजदीकी ने दीपा को समलैंगिक संबंधों तक पहुंचा दिया, फिर... 

‘‘मम्मी मैं जानता हूं कि आप को मेरी एक बात बुरी लग सकती है. वो यह कि सुमन आंटी जो आप की सहेली हैं, उन का यहां आना मुझे अच्छा नहीं लगता. और तो और मेरे दोस्त तक कहते हैं कि वह पूरी तरह से गुंडी लगती हैं.’’ बेटे यशराज की यह बात सुन कर मां दीपा उसे देखती ही रह गई. दीपा बेटे को समझाते हुए बोली, ‘‘बेटा सुमन आंटी अपने गांव की प्रधान है वह ठेकेदारी भी करती है. वह आदमियों की तरह कपड़े पहनती है, उन की तरह से काम करती है इसलिए वह ऐसी दिखती है. वैसे एक बात बताऊं कि वह स्वभाव से अच्छी है.’’

मां और बेटे के बीच जब यह बहस हो रही थी तो वहीं कमरे में दीपा का पति बबलू भी बैठा था. उस से जब चुप नहीं रहा गया तो वह बीच में बोल उठा,‘‘दीपा, यश को जो लगा, उस ने कह दिया. उस की बात अपनी जगह सही है. मैं भी तुम्हें यही समझाने की कोशिश करता रहता हूं लेकिन तुम मेरी बात मानने को ही तैयार नहीं होती हो.’’

‘‘यश बच्चा है. उसे हमारे कामधंधे आदि की समझ नहीं है. पर आप समझदार हैं. आप को यह तो पता ही है कि सुमन ने हमारे एनजीओ में कितनी मदद की है.’’ दीपा ने पति को समझाने की कोशिश करते हुए कहा. ‘‘मदद की है तो क्या हुआ? क्या वह अपना हिस्सा नहीं लेती है? और 8 महीने पहले उस ने हम से जो साढ़े 3 लाख रुपए लिए थे. अभी तक नहीं लौटाए.’’ पति बोला. मां और बेटे के बीच छिड़ी बहस में अब पति पूरी तरह शामिल हो गया था. ‘‘बच्चों के सामने ऐसी बातें करना जरूरी है क्या?’’ दीपा गुस्से में बोली.

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