नीतू की लाश 3 दिन पहले जंगल में यमुना किनारे डाल दी थी. ऐसे में आशंका इस बात की थी कि कहीं लाश किसी जानवर ने क्षतिग्रस्त न कर दी हो. इसलिए पुलिस सब से पहले ओमप्रकाश को उसी जगह ले कर गई जहां उस ने लाश फेंकी थी.
ओमप्रकाश की निशानदेही पर पुलिस ने झाडि़यों के बीच से एक ट्राली बैग बरामद किया. उस ने बताया कि इसी बैग में नीतू की लाश है. बैग खोलने से पहले इंसपेक्टर सी.एम. मीणा ने सूचना क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम और जिला मुख्यालय को दे दी थी. फोन करने पर पूर्वी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम भी वहां पहुंच गई.
उन सभी के सामने जब उस बैग की चैन खोली गई तो उस में एक महिला की लाश निकली लाश देखते ही पास में खड़े दिनेश कुमार की चीख निकल गई. वह जोरजोर से रोने लगे. उन्हें रोता देख पुलिस समझ गई कि लाश उन की बेटी नीतू की ही है. लाश की शिनाख्त हो जाने पर पुलिस ने पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल भेज दिया.
ओमप्रकाश ने अपनी नवविवाहिता पत्नी की हत्या क्यों की? इस बारे में पुलिस ने उस से पूछताछ की तो इस की वजह उन के दांपत्य जीवन में आई कड़वाहट निकली.
पूर्वी दिल्ली के कल्याणपुरी में रहने वाले दिनेश कुमार ललित कला अकादमी में नौकरी करते थे. उन के परिवार में पत्नी विजम के अलावा 2 बेटे और एक बेटी नीतू थी. छोटे से परिवार में वह हंसीखुशी से रहते थे. नीतू बच्चों में सब से छोटी थी. दूसरे वह 2 भाइयों के बीच अकेली बहन थी इसलिए वह सभी की दुलारी थी. इस वजह से वह जिद्दी स्वभाव की हो गई थी.