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लौकडाउन में भुखमरी की नौबत ले आई भिवाड़ी

अमित भरतपुर में ई मित्र की दुकान करता था. अमित और कोमल भरतपुर में कुम्हेर गेट पर रहते थे. कोमल अपने पहले पति संजय के भांजे लाली गुप्ता से फोन पर बात करती थी. इस पर अमित को ऐतराज था. इसी बात पर दोनों में आए दिन झगड़ा होता था.कोरोना संक्रमण के कारण लौकडाउन होने से अमित का ई मित्र का कामकाज ठप हो गया. वह बेरोजगार हुआ, तो रोजीरोटी की तलाश में भरतपुर से भिवाड़ी आ गया. अमित और कोमल भिवाड़ी में सांथलका गांव की विनोद कालोनी में किराए का कमरा ले कर रहने लगे.

अमित सेंट गोबेन कंपनी में नौकरी करने लगा. केवल अमित की नौकरी से घर का खर्च नहीं चल पाता था. इसलिए उस ने कोमल को भी नौकरी करने को कहा. कोमल ने प्रयास किया, तो उसे भिवाड़ी के पास चौपानकी में क्लच वायर बनाने वाली कंपनी में नौकरी मिल गई.भले ही पतिपत्नी दोनों नौकरी करने लगे थे, लेकिन उन के बीच झगड़े खत्म नहीं हुए. परेशान हो कर कोमल ने 11 अगस्त को अमित को कमरे से निकाल दिया. अमित कमरे से चला गया, उस के कुछ देर बाद कोमल अपनी नौकरी पर चली गई.

पत्नी से झगड़े के बाद अमित ने एक बार तो अपने घर भरतपुर जाने का विचार बनाया. फिर उस ने रोजरोज का झगड़ा खत्म करने के लिए कोमल का ही खेल खत्म करने की योजना बना डाली. उस ने बाजार से एक लुहार से तेज धारदार वाला बड़ा चाकू खरीदा और वापस कमरे पर आ गया. कमरे की एक चाबी अमित के पास पहले से ही रहती थी. इसलिए उसे कोई परेशानी नहीं हुई.

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