नबी मोहम्मद ने अपनी पत्नी और इरफान के संबंधों को स्वीकार ही नहीं कर लिया बल्कि दोनों का निकाह भी करा दिया. लेकिन परेशानी तब खड़ी हो गई, जब वह इरफान से इस की कीमत वसूलने लगा. दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम को दोपहर 3 बजे के आसपास सूचना मिली कि मदनपुर खादर के श्रीराम चौक से आगे
यमुना खादर की झाडि़यों में एक लाश पड़ी है. चूंकि यह इलाका दक्षिणपूर्वी जिले के थाना जैतपुर के अंतर्गत आता था, इसलिए पुलिस कंट्रोल रूम ने यह सूचना थाना जैतपुर को दे दी. इसी के साथ पीसीआर वैन भी सूचना में बताए पते पर रवाना कर दी गई. यह 10 दिसंबर, 2013 की बात है. थाने में उस समय इंसपेक्टर रविंद्र कुमार तोमर मौजूद थे. जैसे ही उन्हें थानाक्षेत्र में लाश पड़ी होने की सूचना मिली,

वह सबइंसपेक्टर नरेंद्र, हेमंत कुमार, हेडकांस्टेबल बलिंदर को ले कर श्रीराम चौक के लिए रवाना हो गए. श्रीराम चौकथाने से करीब 200 मीटर दूर था, इसलिए 5 मिनट में ही सभी वहां पहुंच गए. वहां उन्हें पता चला कि लाश पुश्ता से करीब 500 मीटर दूर यमुना खादर की झाडि़यों में पड़ी है. वहीं से झाडि़यों के पास कुछ लोग खड़े दिखाई दिए तो इंसपेक्टर रविंद्र कुमार तोमर साथियों के साथ उसी जगह पहुंच गए. वहां पीसीआर वैन भी खड़ी थी. झाडि़यों के बीच में एक युवक की लाश पड़ी थी. उस की उम्र 25-30 साल रही होगी. वह युवक जींस और गुलाबी रंग का स्वेटर पहने था. उस का सिर और चेहरा कुचला हुआ था. पास ही एक ईंट पड़ी थी, जिस पर खून लगा था. उस में कुछ बाल भी चिपके हुए थे.

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