आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है. अपराध के क्षेत्र में भी महिलाएं पुरुषों से आगे निकली हैं. चंबल के बीहड़ों की कुछ हसीनाओं के खौफ के किस्से आज भी सुनाए जाते हैं. ऐसी ही मुंबई की एक हसीना है शशिकला उर्फ बेबीताई पाटणकर.
बेबीताई के बारे में हम जितना जानना चाहेंगे, जितना पढ़नालिखना चाहेंगे, उतना कम ही है. क्योंकि बेबीताई कोई नन्ही सी बेबी नही हैं, बल्कि वह सफेद पाउडर की दुनिया की समृद्ध मलिका है.
सफेद पाउडर मतलब जिसे हम गर्द, ब्राऊन शुगर और कई विभिन्न नामों से जानते हैं. इसी सफेद पाउडर के धंधे की बेबीताई पाटणकर 100 करोड़ की लेडी डौन है.
शक्तिवर्द्धक दवा मेफेड्रोन (एमडी), जिसे लोकप्रिय रूप से म्याऊंम्याऊं कहा जाता है, को कथित तौर पर एक महिला द्वारा मुंबई लाया गया था, जो 1980 के दशक में शहर में दूध बेचती थी.
फिल्मों में ड्रग्स के काले कारोबार की कहानियां आप ने कई देखी होंगी. हम देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की एक ऐसी लेडी के बारे में बता रहे हैं, जो ड्रग्स के धंधे की रानी है. इस के रुतबे की कहानी जान कर दंग रह जाएंगे आप.
ड्रग्स के कारोबार की माफिया बेबीताई पाटणकर एक ऐसी ड्रग्स क्वीन है, जो साड़ी पहनती है. गले में मंगलसूत्र और माथे पर बड़ी सी बिंदी लगाती है.
किसी हौलीवुड फिल्म से कम नहीं है बेबी पाटणकर की कहानी. आज से कुछ सालों पहले बेबी अपने परिवार का पेट पालने के लिए मुंबई के घरों में दूध बेचा करती थी.
बताया जाता है कि उस के घर में कई सदस्य ड्रग्स के आदी थे. इसी बीच उसे ड्रग्स से होने वाली कमाई के बारे में पता लगा. फिर क्या था, उस ने हिम्मत दिखाते हुए दूध बेचने का काम छोड़ कर ड्रग्स की दुनिया में कदम रखा.
वैसे शशिकला उर्फ बेबी के पास खोने के लिए कुछ नहीं था. वह धीरेधीरे ड्रग्स की दुनिया में अपनी पहचान बनाती गई. उस ने पहले ब्राउन शुगर और हशीश बेची और फिर मेफेड्रोन नाम की ड्रग्स का लेनदेन करने लगी.
जुर्म की दुनिया में अकसर लोगों के नामकरण होते हैं, वैसा ही कुछ हुआ शशिकला के साथ. लोगों ने उसे बेबी नाम से बुलाना शुरू कर दिया और इसी तरह उस का नाम बेबी पड़ा.
ड्रग्स के धंधे को बेबी अकेली ही चलाती थी. अप्रैल 2015 में मेफेड्रोन ड्रग्स मामले में पुलिस ने बेबी को महाराष्ट्र के नवी मुंबई के पनवेल से गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे जमानत मिल गई थी.
बेबी के बारे में यह भी बताया जाता है कि ड्रग तसकरी में अपना सिक्का जमाने के बाद उस ने पुलिस के खबरी के तौर पर भी काम किया और कुछ बड़े ड्रग माफियाओं को पकड़वाने में पुलिस की मदद की.
100 करोड़ की मालकिन है बेबी
जानकारी के अनुसार, शशि के पास कई आलीशान कारें हैं और मुंबई के वर्ली में एक बंगला है, जिस की कीमत 2 करोड़ के आसपास बताई जा रही है.
पुलिस जानकारी के अनुसार, उस के कम से कम 3 बैंक अकाउंट थे, जिन में कम से कम 40-40 लाख रुपए जमा थे. कुल मिला कर बताया जाता है कि उस के पास 100 करोड़ की चलअचल संपत्ति है. पिछले साल गिरफ्तारी के बाद सत्र न्यायालय ने बेबी को 5 लाख के बेल बांड पर जमानत दे दी थी.
शशिकला पाटणकर उर्फ बेबी अपने 5 भाइयों में एकलौती थी और सब से छोटी थी. मुंबई के वर्ली स्थित झुग्गीझोपडि़यों में रहने वाली शशिकला पाटणकर ने जब ड्रग्स बेचनी शुरू की थी, तब शुरुआत में वह आसानी से पुलिस की पकड़ में आ जाती थी, लेकिन 1980-90 के दशक में उस ने अचानक अपना कारोबार बढ़ाया.
उस कारोबार से बेबी पाटणकर ने एमडी बनने से पहले मुंबई में मारिजुआना और ब्राउन शुगर का कारोबार शुरू किया था. और उसी से संपत्ति और कीमती सामान अर्जित किया. फिर मध्य मुंबई, लोनावाला और पुणे के साथ मुंबई के ही वर्ली में अचल संपत्ति में निवेश किया.
धीरेधीरे दूध बेचने वाली बेबी की पहचान मुंबई के इलाकों में ड्रग्स डीलर की हो गई. जल्दी ही वह अपने पति रमेश पाटणकर से अलग हो गई और अपने बच्चों के साथ अलग घर में रहने लगी. यह वह समय था, जब बेबी पर हत्या के आरोप भी लगे थे.
साल 1993 में उस के अपने चचेरे भाइयों मनीष और विवेक ने उस के खिलाफ केस दर्ज कराया था और कहा था कि बेबी ने उन की मां को जला कर मार दिया. पर उस बारे में यह भी कहा जाता है कि मनीष और विवेक की मां भी ड्रग्स के कारोबार में आ गई थी और वह धीरेधीरे शशिकला को टक्कर दे रही थी.
बिजनैस में बढ़ती प्रतिद्वंदिता ही उस की हत्या का कारण बनी थी. इस घटना के कुछ सालों बाद शशिकला मेफेड्रोन का धंधा करने लगी. कहा जाता है कि यह एक ऐसा ड्रग होता है जो उस समय कोकिन से ज्यादा आसानी से उपलब्ध था.
शशिकला पाटणकर पर पुलिस की नजर तब टेढ़ी हुई, जब एक पुलिस कांस्टेबल धर्मराज कालोखे के ठिकाने से 114 किलोग्राम मेफेड्रोन, जिसे म्याऊंम्याऊं भी कहा जाता है, बरामद किया गया था.
इस कांस्टेबल ने उस वक्त कहा था कि इस ड्रग्स को शशिकला ने उसे दिया था. कहा जाता है कि इस के बाद शशिकला को पकड़ने के लिए 100 पुलिस वालों की एक टीम बनाई गई थी.
अब 61 साल की हो चुकी ड्रग माफिया शशिकला उर्फ बेबी पाटणकर, जिसे साल 2015 में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था, ने पिछले 30 सालों में नशीले पदार्थों के व्यापार में शानदार वृद्धि हासिल की थी.
मसलन बेबी पाटणकर को उस के प्रेमी, पुलिस कांस्टेबल धर्मराज कालोखे को 9 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. साथ ही आगे कालोखे और बेबी पाटणकर के बेटे सतीश को भी मामले में गिरफ्तार कर लिया था.
बेबी पाटणकर के 22 बैंक खाते थे. उस ने एक खाते में सावधि जमा (एफडी) के लिए 1.45 करोड़ रुपए जमा किए थे.