आज से तकरीबन 7 साल पहले अप्रैल, 2015 में बेबी एक लग्जरी बस में कराड से मुंबई आ रही थी. किसी ने उसे देख लिया और मुंबई क्राइम ब्रांच को खबर कर दी. तब उसे उसी बस में नवी मुंबई के पनवेल से पहले गिरफ्तार कर लिया गया.
जब उस से पूछताछ हुई तो उस ने सिर्फ धर्मराज से ही नहीं, पुलिस डिपार्टमेंट में कई और लोगों से भी अपनी दोस्ती जाहिर कर दी. उस ने दावा किया कि खंडाला में धर्मराज कालोखे के ठिकाने पर ड्रग्स होने की टिप उसी ने किसी के जरिए पुलिस को दी थी.
आखिर उस ने ऐसा क्यों किया? इस पर बेबी पाटणकर ने पुलिस को बताया कि खंडाला में 9 मार्च, 2015 को जो ड्रग जब्त की गई, उसे वह कुछ महीने पहले मुंबई लाई थी. कुछ दिन तक उस ने इसे मुंबई के अपने वर्ली वाले घर में रखा. बाद में उस ने धर्मराज से इसे अपने किसी ठिकाने पर छिपाने को कहा.
धर्मराज कालोखे ने इसी शर्त पर यह ड्रग छिपाने का भरोसा बेबी को दिया कि वह बदले में उसे 25 लाख रुपए देगी. धर्मराज कालोखे ड्रग को कुछ महीने पहले खंडाला ले गया. लेकिन बेबी ने वादे के बावजूद उसे 25 लाख रुपए नहीं दिए.
धर्मराज कालोखे पुणे में किसी प्रौपर्टी में उन 25 लाख रुपयों को निवेश करना चाहता था. उस ने एक बिल्डर को डेढ़ लाख रुपए एडवांस में भी दे दिए थे, लेकिन बेबी की इस वादाखिलाफी की वजह से उस की पुणे की वह प्रौपर्टी खतरे में पड़ गई थी.