गैंगस्टर रहे पिंटू सेंगर की हत्या (Pintu Sengar Murder) जिन 4 शूटरों ने की थी, उन में राशिद कालिया (Rashid Kalia) मुख्य आरोपी था. सवा लाख के इनामी बदमाश राशिद कालिया ने ही कट्टा अड़ा कर आखिरी गोली दागी थी पिंटू सेंगर को. पिंटू को कुल 19 गोलियां मारी गई थीं.
वारदात में 4 शूटरों राशिद कालिया उर्फ वीरू के अलावा सलमान बेग, फैसल कुरैशी और एहसान शामिल थे. चारों अपराधी पिंटू पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर जब भाग रहे थे, तभी पिंटू सेंगर को जमीन से खड़ा होते देख बाइक सवार राशिद कालिया (Sharp Shooter Rashid Kalia) दोबारा पिंटू सेंगर के पास आया और उस के सीने पर कट्टा सटा कर उसे आखिरी गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया था.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ (UP STF) के एनकाउंटर स्पैशलिस्ट (Encounter Specialist) इंसपेक्टर घनश्याम यादव (Inspector Ghanshyam Yadav) एक विशेष गश्त पर थे, तभी उन का मोबाइल फोन बजने लगा. इंसपेक्टर यादव ने मोबाइल पर नंबर देखा तो वह उन के विश्वस्त मुखबिर मनोहर (परिवर्तित नाम) का नंबर था.
”हां, कहो मनोहर कैसे फोन किया?’’ इंसपेक्टर यादव ने फोन रिसीव करते हुए कहा.
”हुजूर एक खास खबर है,’’ मनोहर ने फुसफुसाते हुए कहा.
”खबर क्या है बताओ न!’’ इंसपेक्टर ने पूछा.
”साहब, खबर बहुत बड़ी और बहुत गोपनीय है. मिल कर ही बता सकता हूं. आप बताइए, आप अभी कहां पर हैं?’’ मनोहर ने कहा.
इंसपेक्टर घनश्याम यादव ने मुखबिर को अपने पास बुला लिया. थोड़ी ही देर बाद मनोहर ने पहुंच कर जो खबर इंसपेक्टर यादव को दी, वह भी सुन कर एकदम चौंक से गए थे.
इंसपेक्टर धनश्याम यादव ने तुरंत मनोहर को अपनी गाड़ी में बिठाया और सीधे डीएसपी संजीव कुमार दीक्षित के पास ले गए. संजीव दीक्षित ने जब यह खबर सुनी तो फिर सीधे एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश तक पहुंच गई. उन्होंने इस खबर का तत्काल संज्ञान लेने के लिए उचित दिशानिर्देश जारी कर दिए.
पिछले काफी समय से एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश (ADG Amitabh Yash) के निर्देश पर इनामी और भाड़े पर हत्या करने वाले दुर्दांत अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष अभियान चला रहे थे, जिस के सुखद परिणाम सामने भी आ रहे थे.
कानपुर में 3 साल पहले बीएसपी नेता और प्रौपर्टी डीलर पिंटू सेंगर की हत्या में राशिद कालिया उर्फ घोड़ा का नाम आया था. एफआईआर में राशिद कालिया आरोपी भी था. लंबे समय से पुलिस को उस की तलाश थी, लेकिन सफेदपोशों के तगड़े नेटवर्क के कारण राशिद कालिया हर बार पुलिस से बचता चला आ रहा था.
इस दुर्दांत अपराधी की खबर सुनने के बाद एसटीएफ के डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित और इंसपेक्टर घनश्याम यादव ने मऊरानी पुलिस टीम के साथ झांसी में डेरा डाल दिया. 18 नवंबर, 2023 मंगलवार की सुबह मुखबिर की सटीक सूचना पर जब उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने पुलिस टीम के साथ झांसी के मऊरानीपुर में जब राशिद उर्फ कालिया की चारों तरफ से घेराबंदी की तो दुर्दांत अपराधी राशिद ने एसटीएफ की टीम पर ही गोलियों की बौछार कर दी.
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बदमाश की तरफ से चलाई गोली टीम का नेतृत्व कर रहे डिप्टी एसपी संजीव कुमार दीक्षित और एसटीएफ के इंसपेक्टर घनश्याम यादव को लगी. दोनों ही अधिकारी चूंकि बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए थे, इसलिए उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. दोनों पुलिस अधिकारी घायल हो गए.
इस के बाद एसटीएफ ने स्वचालित हथियारों से राशिद पर फायरिंग करनी शुरू कर दी. एसटीएफ की तरफ से की गई फायरिंग में गोली राशिद कालिया को लग गई और वह जमीन पर गिर पड़ा.
गंभीर हालत में राशिद कालिया को उपचार के लिए मऊरानीपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने उसे झांसी मैडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया. झांसी मैडिकल कालेज में डाक्टरों ने राशिद उर्फ कालिया को मृत घोषित कर दिया.
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लखनऊ में एसटीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने मीडिया को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राशिद उर्फ कालिया की पहचान सुनिश्चित करना बड़ा मुश्किल था, क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पास पिछले 20 सालों से राशिद उर्फ कालिया की कोई तसवीर नहीं थी. पुलिस कई वर्षों से इस अज्ञात अपराधी का पीछा कर रही थी.
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की मदद से कालिया की पहचान का पता लगाया गया, जिन्होंने उस की पहचान की और 18 नवंबर शनिवार सुबह करीब 7 बजे झांसी के मऊरानीपुर इलाके के पास उस के स्थान और गतिविधि के बारे में जानकारी दी, जहां पर वह एक व्यक्ति को मारने की सुपारी लेने के बाद उसे निशाना बनाने आया था.
राशिद उर्फ कालिया अपने खतरनाक मंसूबे में एक बार फिर कामयाब होता, इस से पहले ही एसटीएफ ने उस की घेराबंदी कर दी.
एडीजी अभिताभ यश ने कहा कि मारे गए बदमाश राशिद कालिया पर 40 हत्याओं सहित कई आपराधिक मामले थे और उस पर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट से एक लाख रुपए का और झांसी पुलिस की ओर से 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था. उन्होंने कहा कि कालिया के आपराधिक रिकौर्ड में कई हाईप्रोफाइल मामले शामिल थे.
इस में सब से उल्लेखनीय मामला वर्ष 2020 में कुख्यात गैंगस्टर से राजनेता बने पिंटू सेंगर की हत्या का था. एडीजी ने बताया कि राशिद कालिया कानून से बचने के लिए हमेशा लोप्रोफाइल रहता था, इस में उसे विशेषज्ञता हासिल थी. उस के नाम अकेले कानपुर में 13 गंभीर अपराध दर्ज थे.
राशिद कालिया महोबा का मूल निवासी था, लेकिन वह कानपुर, लखनऊ और झांसी में भी सक्रिय था. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह अकसर अपना स्थान बदलता रहता था.
उन्होंने कहा कि आरोपी के पास से पुलिस ने एक फैक्ट्री निर्मित पिस्तौल, 2 बुलेट मैगजीन, एक देसी बंदूक और साथ ही उस के पास से कारतूस और एक बाइक बरामद की. यह वही बाइक थी, जिस पर राशिद कालिया मुठभेड़ के समय सवार था.
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश राशिद कालिया एनकाउंटर के बाद फिर सुर्खियों में आ गए. अब तक अमिताभ यश ने डकैत ददुआ और विकास दुबे सहित कई नामी अपराधियों को मार गिराने में सफलता अर्जित की है. माफिया अतीक अंसारी के बेटे का एनकाउंटर करने में भी वह काफी चर्चा में आए थे.
पिछले साल उत्तर प्रदेश में 8 आईपीएस अधिकारियों का तबादला और प्रमोशन किया गया था, जिन में अमिताभ यश भी शामिल थे. पहले आईजी के पद पर रह चुके अमिताभ यश को 2022 में एसटीएफ (स्पैशल टास्क फोर्स) का चीफ नियुक्त किया गया था.