बात 2010 की है. चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में स्थित डीएवी कालेज में स्नातक पाठ्यक्रमों की वार्षिक परीक्षा चल रही थी. एक परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षक ने छरहरे बदन के बेहद सुदर्शन दिखने वाले एक छात्र को चिट से नकल करते हुए पकड़ लिया.
निरीक्षक उसे पकड़ कर परीक्षा अधीक्षक को सौंपने के लिए ले जा रहे थे कि छात्र ने कक्ष निरीक्षक को जोर का धक्का दिया और अपनी उत्तर पुस्तिका के साथ एक मंजिला इमारत की खिड़की से छलांग लगा दी.
लेकिन ये क्या, आसमान से गिरे और खजूर में अटके. नीचे खड़े सुरक्षा गार्ड ने पहली मंजिल से कूदे छात्र को देख कर सारा माजरा समझ लिया. बिना एक पल गंवाए गार्ड ने छात्र पर झपट्टा मारा और छात्र की शर्ट का कौलर उस की मुट्ठी में आ गया.
‘‘अब कहां जाएगा बच्चू,’’ गार्ड ने आंखें तरेर कर कहा.
लेकिन ये क्या... अगले ही पल छात्र ने बिजली की गति से यूटर्न लिया. छात्र की पूरी की पूरी शर्ट गार्ड के हाथ में आ गई और शरीर उस की पकड़ से दूर हो गया. हाथ में परीक्षा की कौपी और जिस्म से जुदा हुई शर्ट के बगैर नंगे बदन छात्र ने एक पल के लिए रुक कर गार्ड को देखा और फिर उपहास उड़ाने वाले अंदाज में मुंह से एक जोरदार सीटी मारते हुए बाईं आंख दबा दी. मानो कह रहा हो ‘आ जा दम है तो पकड़ के दिखा.’
अगले ही पल छात्र ने बिजली की गति से दौड़ लगा दी और पलक झपकते ही वह गार्ड की आंखों से ओझल हो गया. छात्र की शर्ट को हाथ में पकड़े गार्ड खुद को ठगा सा महसूस कर रहा था.