प्रिया सेठ. यही नाम है उस भोलीभाली और खूबसूरत चेहरे वाली लड़का का. वह चंद पलों में नौजवानों के दिल में उतर जाती है. अपनी इसी खूबसूरती से प्रिया हजारों लोगों को शिकार बना चुकी है. पुलिस के रिकौर्ड में प्रिया के खिलाफ  केवल 4 मामले दर्ज हैं. इन में एक हत्या, दूसरा एटीएम तोड़ने, तीसरा ब्लैकमेलिंग और चौथा पीटा एक्ट का.

वह पढ़ी लिखी है. राजस्थान के पाली जिले के छोटे से शहर फालना में नेहरू कालोनी की रहने वाली प्रिया के पिता अशोक सेठ सरकारी कौलेज में लेक्चरर हैं. मां अध्यापिका रही हैं. दादा सिरोही में प्रिंसिपल रहे. फूफा जोधपुर की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. एक बहन और एक भाई है.

इंगलिश मीडियम से 82 प्रतिशत अंकों के साथ प्रिया ने फालना से 10वीं कक्षा पास की थी. फिर सीनियर सेकैंडरी में 78 प्रतिशत नंबर आए. मातापिता अपनी इस लाडली बड़ी बेटी को प्रोफेसर बनाना चाहते थे. इसलिए कौलेज की पढ़ाई के लिए 20 साल की उम्र में ही जयपुर भेज दिया. यह सन 2011 की बात है.

छोटे से शहर फालना से जयपुर आ कर प्रिया ने मानसरोवर कालोनी के एक निजी कौलेज में प्रवेश लिया तो उस की आंखों में प्रोफेसर बनने के सपने तैर रहे थे. पहले वह रिश्तेदार के घर पर ठहरी. कौलेज जाने के बाद जब भी मौका मिलता, वह जयपुर में घूमती. कभीकभी दिन ढले घर लौटती.

जल्दी ही वह जयपुर महानगर की चकाचौंध में खो गई और उन्मुक्त जीवन जीने के बारे में सोचने लगी, जिस में ना किसी की रोकटोक हो और ना ही कोई बंधन.

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