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लोगों ने श्रद्धांजलि के साथ साथ मांगें भी बढ़ा दीं

गांव में एकत्र लोगों ने मांगों को ले कर हंगामा कर दाह संस्कार रोक दिया. परिवार व संगठनों की मांग थी कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी व एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए. पुलिस भीड़ के सामने खुद को असहाय महसूस कर रही थी.

यह देख एसएसपी ने वहां भारी संख्या में पुलिस फोर्स भेज दी. भीड़ ने हंगामा किया तो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस अधिकारियों के काफी समझाने के बाद रात साढ़े 9 बजे संजलि का अंतिम संस्कार हो सका.

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संजलि की मौत के बाद स्कूलों कालेजों के साथ विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने हत्यारों को गिरफ्तार कर संजलि को इंसाफ दिलाने की मांग को ले कर कैंडिल मार्च निकाले. संजलि के शोक में लालऊ का बाजार भी बंद रहा.

इस घटना में नया मोड़ तब आया, जब संजलि की मौत से दुखी हो कर उस के ताऊ के 24 साल के बेटे योगेश ने एक दिन बाद ही 20 दिसंबर की सुबह जहर खा लिया. उसे परिवार वाले अस्पताल ले गए, जहां उपचार के दौरान उस की मौत हो गई.

योगेश द्वारा अचानक आत्महत्या कर लिए जाने से सभी दुखी व स्तब्ध थे. पुलिस की संदिग्धों की सूची में योगेश पहले से ही शक के घेरे में था. पुलिस उस का मोबाइल जब्त कर के छानबीन करने लगी.

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संजलि के परिवार के नजदीकी लोगों का कहना था कि संजलि डेली डायरी लिखती थी. उसे जो भी अच्छा लगे, बुरा लगे, उसे डायरी में लिखती थी. 15 दिन पहले उस के साथ छेड़छाड़ की जो घटना हुई थी, उस के बारे में उस ने अपने घर वालों को नहीं बताया था.

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