डा. गौरव को मुदित और प्रियंका के बीच अवैध संबंधों का पता नहीं चला. क्योंकि उन का मिलन ऐसे समय होता था, जब डा. गौरव क्लीनिक पर होते थे. मुदित दोहरा गेम खेलने लगा था. एक ओर तो वह दोस्ती की आड़ में डाक्टर की इज्जत से खेल रहा था. दूसरी ओर वह दोस्ती कायम रख डाक्टर का विश्वास जीत रहा था.
डा. गौरव उस पर पत्नी से ज्यादा विश्वास करते थे. मुदित को जब भी पैसों की जरूरत होती थी, वह डा. गौरव से मांग लेता था. लेकिन रकम कभी लौटाता नहीं था. इस तरह उस ने लाखों रुपया डा. गौरव से ले लिया था. जब कभी डा. गौरव पैसों की डिमांड करता तो वह प्लौट बेच कर पैसा देने की बात कह देता.
डा. गौरव व उस के मातापिता ने अकूत संपत्ति अर्जित की थी. शिकोहाबाद, उन्नाव व लखनऊ में डा. गौरव के नाम लगभग 60 करोड़ की संपत्ति (मकान/प्लौट के रूप में) थे. इस संपत्ति पर मुदित की गिद्धदृष्टि थी. वह डा. गौरव की जर, जोरू और जमीन हथियाना चाहता था. इसी लालच में उस ने डा. गौरव की पत्नी को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया था. वह हर रोज प्रियंका से एकदो घंटे फोन पर बातें करता था.
लगभग 3 महीने पहले डा. गौरव ने मुदित को प्रियंका के साथ अश्लील हरकतें करते देख लिया था. तब से उन्हें शक हो गया था कि मुदित श्रीवास्तव और प्रियंका के बीच अवैध रिश्ता है. वह अपने दर्द को कभीकभी बातों ही बातों में बयां भी कर देते थे. एक रोज उन्होंने तंज कसा, “मुदित, तुम्हें अब किस बात की चिंता, तुम ने तो मेरे निजी जीवन में भी दखल देना शुरू कर दिया है.’’