जितेंद्र मान ग्रेटर नोएडा स्थित एवीजे हाइट्स सोसाइटी में छठी मंजिल के फ्लैट में रहता था. यह फ्लैट उस के फुफेरे भाई प्रीतम का था. इस फ्लैट की एक चाबी प्रीतम के पास रहती थी और दूसरी जितेंद्र के पास. 12 जनवरी, 2018 को प्रीतम अपने भाई जितेंद्र से मिलने फ्लैट पर पहुंचा. जैसे ही उस ने फ्लैट का मुख्य दरवाजा खोला तो उसे अंदर कमरे का दरवाजा खुला मिला. दरवाजे से लौबी साफ दिख रही थी. वहीं से उस ने देखा कि फर्श पर गद्दा बिछा है और उस गद्दे पर कोई कंबल ओढ़े सो रहा है.
फ्लैट में घुसते ही उसे थोड़ी दुर्गंध आती महसूस हुई तो घबरा कर वह सीधे लौबी में पहुंचा. थोड़ा अजीब तो लग रहा था, पर यह सोच कर उस ने जितेंद्र को आवाज दी कि कंबल में वही सोया होगा. जब कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो प्रीतम ने कंबल हटाया. कंबल के नीचे जितेंद्र की लाश पड़ी थी. भाई की लाश देखते ही प्रीतम की चीख निकल गई.
चीख की आवाज सुन कर कई पड़ोसी भी वहां आ गए. प्रीतम ने फोन कर के इस की सूचना पुलिस को भी दे दी. कुछ देर बाद ही सूरजपुर थाने के थानाप्रभारी अखिलेश प्रधान एसआई सोहनवीर मलिक, हरिराज, कांस्टेबल कृष्णकुमार और राजेश कुमार घटनास्थल पर पहुंच गए.
पुलिस ने जितेंद्र की लाश पर से कंबल हटा कर देखा तो गद्दा खून से सना हुआ था. खून भी जम कर काला पड़ गया था. लाश से आ रही बदबू से लग रहा था कि उस की हत्या कई दिन पहले की गई होगी.