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मामले की तह तक पहुंचने के लिए एसआई हरिराज सीधे होराइजन सोसाइटी पहुंचे. सृष्टि गुप्ता जिस फ्लैट में रहती थी, वह बंद मिला. इस पर एसआई ने सोसाइटी के सुरक्षाकर्मियों को सृष्टि का फोटो दिखाया. सुरक्षाकर्मियों ने फोटो पहचानते हुए कहा कि यह लड़की यहीं रहती है. उन्होंने  बताया कि सृष्टि स्टूडेंट है और फ्लैट में अकेली ही रहती है. उस के यहां एक मेड काम करने आती है.

पर कुछ दिनों से सृष्टि फ्लैट में नहीं है, इसलिए मेड भी काम पर नहीं आती. एसआई हरिराज ने उन सुरक्षाकर्मियों को अपना फोन नंबर देते हुए कहा कि जब भी सृष्टि सोसाइटी में आए तो वह उन्हें फोन कर दें.

एक दिन एसआई हरिराज को होराइजन सोसाइटी के एक सुरक्षागार्ड ने फोन कर के सूचना दी कि सृष्टि अपने फ्लैट में मौजूद है. सूचना मिलते ही एसआई हरिराज महिला कांस्टेबल मोनिका व ऋचा को ले कर सृष्टि के फ्लैट पर पहुंच गए. वह पूछताछ के लिए सृष्टि को सूरजपुर थाने ले आए.

संदेह के दायरे में आई सृष्टि

थानाप्रभारी अखिलेश प्रधान ने सृष्टि से जितेंद्र मान के बारे में पूछताछ की तो उस ने यह बात कबूल कर ली कि वह जितेंद्र मान को जानती है. क्योंकि वह पहले जितेंद्र के जिम में जाती थी.

‘‘आप कब से कब तक जिम जाती रहीं?’’ थानाप्रभारी ने पूछा.

‘‘मार्च से सितंबर 2017 तक.’’ सृष्टि बोली.

‘‘जिम छोड़ने के बाद आप की जितेंद्र से कभी बात हुई?’’ उन्होंने पूछा.

‘‘नहीं, मेरी उस से कोई बात नहीं हुई.’’ सृष्टि ने बताया.

तभी थानाप्रभारी ने उस के फोन नंबर की काल डिटेल्स उस के सामने रखते हुए कहा, ‘‘आप झूठ क्यों बोल रही हैं? उस से आप की रोजाना बात होती थी.’’

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