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विमल ने विभा पर पानी की तरह पैसा बहाया था. यहां तक कि उस की बड़ी बेटी काव्या के दिमागी बुखार से पीडि़त होने पर उस ने उस के इलाज पर हैसियत से ज्यादा पैसा खर्च किया था. इस के बाद भी विभा किसी और के साथ नजदीकियां बढ़ा रही थी. उस ने विभा से शादी की बात की तो उस ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया. इस पर विमल का माथा ठनक गया. वह अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा था. आखिर उस ने विभा को सबक सिखाने की ठान ली.

उस ने सोच लिया कि विभा उस की नहीं हुई तो वह उसे किसी और की भी नहीं होने देगा. विभा की हरकतें उस के दिमाग में कौंधती रहती थीं. वह विभा की हत्या को कैसे अंजाम दे, यह सोच कर उस ने कई हौलीवुड फिल्में और टीवी पर क्राइम बेस्ड सीरियल देखे. उन्हीं सब के आधार पर उस ने सोचविचार कर विभा की बरबादी की पूरी योजना तैयार की. उसे इस काम के लिए दोस्तों की मदद की जरूरत थी. उन्हें इस सब के लिए कैसे राजी करना है, यह भी उस ने सोच लिया था.

उस ने अपने शहर के ही भवनापुर में रहने वाले अपने दोस्त दिलीप शर्मा से बात की. दिलीप अपने घर में ही मोबाइल शौप चलाता था. इस से पहले वह फार्मासिस्ट का काम कर चुका था. दिलीप का भी विभा के साथ पैसों के लेनदेन का कोई विवाद था. विमल के कहने पर वह उस का साथ देने को तैयार हो गया. इस के बाद विमल ने उसे पूरी योजना बता दी.

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