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हितेश श्वेता के भाई गौरव की पत्नी चेतना के मामा जुगल किशोर जिंदल का बेटा था. वह अपने चाचा पवन कुमार जिंदल के साथ लुधियाना की न्यू फे्रंड्स कालोनी में जिंदल प्रौपर्टी के नाम से प्रौपर्टी का व्यवसाय करता था. श्वेता की तरह वह भी शादीशुदा था. श्वेता की ही तरह वह भी पत्नी से खुश नहीं था.

हितेश की पत्नी हिना लुधियाना की ही रहने वाली थी. श्वेता भी पति से खुश नहीं थी, शायद यही वजह रही कि शादीशुदा होने के बावजूद श्वेता और हितेश पहली ही मुलाकात में एकदूसरे से इस तरह प्रभावित हुए कि एकदूसरे को दिल दे बैठे. शादी के माहौल में साहिल जहां रिश्तेदारों और अन्य कामों में व्यस्त था, वहीं श्वेता हितेश से परिचय बढ़ाने में लगी थी. रिश्तेदारी हो ही गई थी, इसलिए दोनों ने अपनेअपने मोबाइल नंबर एकदूसरे को दे दिए थे.

साहिल तो अगले दिन जगराओं वापस आ गया, पर श्वेता कुछ दिनों के लिए मायके में रुक गई. मौका मिलते ही उस ने हितेश को फोन किया. दूसरी ओर हितेश उस से मिलने के लिए उतावला बैठा था. उस ने श्वेता को मिलने के लिए एक होटल में बुला लिया.

श्वेता ने हितेश के सामने अपने मन की बात रखी तो हितेश ने भी उस से अपने मन की बात बता दी. दोनों ही एकदूसरे की बातों से सहमत थे, इसलिए सारे रिश्तेनाते और अपनीअपनी मर्यादाएं भूल कर उन्होंने होटल के उस एकांत में सारी सीमाएं तोड़ दीं. उन्होंने वहां एक ऐसा रिश्ता कायम कर लिया, जो समाज की नजरों में अवैध था.  लेकिन इस की परवाह न श्वेता को थी और न ही हितेश को. दोनों बेझिझक एकदूसरे से मिलने लगे. कभी हितेश जगराओं चला जाता तो कभी श्वेता लुधियाना आ जाती.

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