11जुलाई, 2014 को सुबह साढ़े 10 बजे इंदौर के स्काई होटल के मालिक दर्शन पारिख ने अपने कर्मचारी को होटल के कमरा नंबर 202 में ठहरे व्यक्ति से 500 रुपए लाने को कहा. एक दिन पहले इस कमरे में रोहित सिंह अपनी छोटी बहन के साथ ठहरा था. कमरा बुक कराते समय उस ने कहा था कि वह कमरे में पहुंच कर फ्रैश होने के बाद पैसे दे देगा.

पैसे लेने के लिए कर्मचारी कमरा नंबर 202 पर पहुंचा तो उसे कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला. उस ने कालबेल का बटन दबाया. बटन दबाते ही कमरे के अंदर लगी घंटी के बजने की आवाज उस के कानों तक आई तो वह दरवाजा खुलने का इंतजार करने लगा.

कुछ देर बाद तक दरवाजा नहीं खुला तो उस ने दोबारा घंटी बजाई. इस बार भी दरवाजा नहीं खुला और न ही अंदर से कोई आहट सुनाई नहीं पड़ी. फिर उस ने दरवाजा थपथपाया. इस के बाद भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो वह कर्मचारी अपने मालिक दर्शन पारिख के पास पहुंचा और उन्हें दरवाजा न खोलने की बात बता दी. उस ने यह भी बता दिया कि कई बार घंटी बजाने के बाद भी कमरे में कोई हलचल नहीं हुई.

उस की बात सुन कर दर्शन पारिख खुद रूम नंबर 202 पर पहुंच गया और उस ने भी कई बार दरवाजा थपथपाया. उसे भी कमरे से कोई हलचल सुनाई नहीं दी. उसे शंका हुई कि कहीं मामला गड़बड़ तो नहीं है. उस ने उसी समय थाना खजराना फोन कर के इस बात की सूचना दे दी.

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