Crime Story : पति की एक्सीडेंट में मौत हो जाने के बाद 3 बच्चों की मम्मी गीता यादव ने चरन सिंह से दूसरी शादी कर ली थी. इसी दौरान गीता की लाइफ में जबर सिंह आ गया. उस के आने से घर में ऐसा जलजला आया कि...

गीता यादव फितरती औरत थी. उसे बच्चों से तो हमदर्दी थी, लेकिन पति चरन सिंह फूटी आंख भी नहीं सुहाता था. पति रूपी बाधा को दूर करने के लिए एक रोज गीता ने प्रेमी जबर सिंह को उकसाया, ''जबर, हम कब तक परदेस में पड़े रहेंगे. कब तक हम मजदूरीधतूरी करते रहेंगे. तुम्हें मेरे साथ जीवन बिताना है तो कुछ करना होगा?’’

''क्या करना होगा?’’ जबर सिंह ने पूछा.

''तुम्हें मेरे सिंदूर को मिटाना होगा, ताकि मैं तुम्हारे हाथ का सिंदूर अपनी मांग में सजा सकूं. अभी तो मैं तुम्हारी रखैल ही हूं.’’

''चाहता तो मैं भी हूं, लेकिन पकड़े गए तो..?’’

''कुछ नहीं होगा. तुम चिंता मत करो. मैं तुम्हारा पूरा साथ दूंगी. ऐसा प्लान बनाऊंगी कि सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी.’’

कुछ देर चुप्पी साधने के बाद वह फिर बोली, ''चरन सिंह जीवित नहीं रहेगा तो उस के घर तथा जमीनजायदाद पर भी उसी का कब्जा हो जाएगा. हम दोनों उसी घर में बच्चों के साथ हंसीखुशी से रहेंगे.’’

''ठीक है. मैं तैयार हूं.’’ जबर सिंह ने सहमति जताई.

उस के बाद गीता और जबर सिंह ने कान से कान जोड़ कर चरन सिंह की हत्या का प्लान बनाया. तय हुआ कि इस बार जब गांव जाएंगे, तब योजना के तहत चरन सिंह को ठिकाने लगा देंगे. 14 नवंबर, 2024 को इटावा कोर्ट में गीता द्वारा पति के खिलाफ दर्ज कराए गए मारपीट के मुकदमे की तारीख थी. इसलिए गीता प्रेमी जबर सिंह के साथ सोनीपत से गांव रम्पुरा लौहरई आई. कोर्ट में तारीख पर गई, फिर शाम को वापस घर आ गई. उस ने घर में खाना पकाया और बच्चों को खिलाया. पति चरन सिंह से भी हमदर्दी भरी बातें कीं. चरन सिंह को लगा कि गीता को अपनी भूल का अहसास हो गया है. अब वह घर में बच्चों के साथ ही रहेगी, लेकिन यह उस की भूल थी.

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