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राजस्थान की स्वर्णनगरी जैसलमेर शहर के कल्लू की हट्टो के पास स्थित मोहल्ला कंसारापाड़ा के रहने वाले भगवानदास सोनी की पत्नी  सुबह सो कर उठीं तो उन्हें बेटी की चारपाई खाली दिखी. उन्हें लगा, सुनीता वौशरूम गई होगी. लेकिन जब वह वौशरूम की तरफ गईं तो उस का दरवाजा खुला था. सुनीता वैसे भी उतनी सुबह उठने वालों में नहीं थी. वौशरूम खाली देख कर उन्हें हैरानी होने के साथसाथ बेटी को ले कर उन्होंने जो अफवाहें सुन रखी थीं, संदेह भी हुआ.

वह भाग कर कमरे में पहुंची तो अलमारी खुली पड़ी थी और उस में से सुनीता के कपड़े गायब थे. अलमारी में रखा एक बैग भी गायब था. अब उन्हें समझते देर नहीं लगी कि सुनीता कहां है? वह सिर थाम कर वहीं बैठ गईं और जोरजोर से रोने लगीं.

उन के रोने की आवाज पति भगवानदास और बेटे ने सुनी तो वे भाग कर उन के पास आ गए और पूछने लगे कि सुबहसुबह ऐसा क्या हो गया कि वह इस तरह रो रही हैं. वह इतने गहरे सदमे में थीं कि उन के मुंह से आवाज ही नहीं निकल रही थी. भगवानदास ने जब झकझोर कर पूछा, ‘‘अरे बताओगी भी कि क्या हुआ?’’

तो उन्होंने कहा, ‘‘क्या बताऊं, गजब हो गया. जिस बात का डर था, आखिर वही हुआ. सुनीता कहीं दिखाई नहीं दे रही है. अलमारी से उस के कपड़े और बैग भी गायब है.’’

भगवानदास सोनी को भी समझते देर नहीं लगी कि सुनीता प्रेमी के साथ भाग गई है. वह भी सिर थाम कर बैठ गए. पलभर में यह खबर पूरे घर में फैल गई. पूरा परिवार इकट्ठा हो गया. इस के बाद सुनीता के प्रेमी सुमेरनाथ गोस्वामी के बारे में पता किया गया. वह भी घर से गायब था.

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