तान्या बहुत ही तेज तर्रार थी. वह जानती थी कि बाहर रह कर लड़कियों से दोस्ती करने से कोई लाभ नही, लड़कों से दोस्ती कर हर मकसद पूरा किया जा सकता है. क्योंकि अधिकांश लड़कियों में एकदूसरे से जलने की आदत होती है. यही कारण था कि उस ने इंदौर आते ही सब से पहले युवकों को ही निशाना बनाया था.
छोटू से दोस्ती करते ही उसे भरोसा हो गया था कि वह ही उसे उस की मंजिल तक पहुंचा सकता है. यही सोच कर उस ने छोटू के लिए अपने दिल के दरबाजे खोल दिए थे. उस के सहारे से ही उस की कई अवारा लड़कों से दोस्ती हो गई थी.
तान्या की हरकतों का पता रचित को लगा तो उस ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन उस ने उस की एक भी बात नहीं मानी. बाद में रचित तान्या को बोझ लगने लगा था. उस ने रचित से साफ शब्दों में कह दिया था कि उसे उस की हमदर्दी की कोई जरूरत नही. तान्या की बात सुनते ही रचित ने उस की तरफ ध्यान देना बिल्कुल ही बंद कर दिया था. लेकिन फिर भी उसे एक चिंता लगी रहती थी कि वह गलत हाथों में पड़ कर अपना भविष्य खराब न कर ले.
हालांकि तान्या ने रचित से पूरी तरह से संबंध खत्म कर लिए थे, लेकिन फिर भी उस के दिल में रचित के लिए बेचैनी रहती थी. उस के दिल में उस के लिए अभी भी थोड़ी जगह खाली थी. लेकिन उस के छोटू से संबंध होते ही रचित ने उस से पूरी तरह से संबंध खत्म कर लिए थे. उस के बाद तान्या ने रचित से बदला लेने का पक्का प्लान बना लिया था. उस ने अपने इस मकसद को अंजाम देने के लिए छोटू के साथसाथ शोभित और उस के दोस्त को भी अपने साथ मिला लिया था.