हेमंत का गृहस्थ जीवन ठीकठाक गुजर रहा था कि एक रात यह गृहस्थ जीवन पूरी तरह छिन्नभिन्न हो गया.
12 नवंबर, 2021 की शाम को हेमंत घर पहुंचा. रितु खाना बना कर उसी के आने का इंतजार कर रही थी. हेमंत के आते ही रितु ने उस से शराब की बोतल ले ली और गिलास ले कर पैग बनाने लगी.
रितु पति के साथ पीती थी शराब
हेमंत ने हाथमुंह धोए और रितु के पास आ कर बैठ गया. रितु ने शराब का गिलास उस की तरफ बढ़ाया और अपने गिलास को उठा कर गट गट शराब पी गई.
“यह क्या रितु, तुम ने आज चीयर्स भी नहीं किया.” हेमंत ने हैरानी से कहा.
“मुझे जोरों की तलब लगी है हेमंत, चीयर्स करने में मैं समय बरबाद नहीं करना चाहती थी, इसलिए बगैर चीयर्स किए पी गई.” अपने लिए दूसरा पैग तैयार करते हुए रितु ने कहा.
“यह असभ्यता है,” हेमंत मुंह बिगाड़ कर बोला.
रितु ने दूसरा पैग गले में उड़ेलते हुए हेमंत को घूरा, बोली कुछ नहीं. इस के बाद उस ने 3 पैग और बनाए और पी गई. उस पर नशा हावी होने लगा था. हेमंत हैरानी से उसे देख रहा था. रितु ने उस के लिए आज एक ही पैग बनाया था. खुद ही पैग बनाबना कर पी रही थी.
कहीं रितु को शराब का नशा ज्यादा न हो जाए, यह सोच कर उस ने रितु के सामने से शराब की बोतल उठा लेनी चाही. उस ने जैसे ही बोतल पकड़ी रितु भडक़ गई, “ऐ बोतल नीचे रख.”
“कैसे बोल रही हो रितु ..?”
“ठीक बोल रही हूं, तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे सामने से बोतल उठाने की, हरामी की औलाद.”