तारा सिंह ने दूसरे पड़ोसियों की मदद से दरवाजे का ताला तोड़ा. वे जैसे ही घर के भीतर घुसे, उन्होंने एक कमरे में जौली को खून से लथपथ पाया. लोगों ने तुरंत नजदीकी आमासिवनी पुलिस थाने में इत्तिला कर दी. थोड़ी देर में ही एसएचओ दीपक पासवान अपनी टीम के साथ वहां पर पहुंच गए.

वहां का दृश्य देखते ही वह समझ गए कि जौली सिंह की निर्मम हत्या की गई है. एसएचओ पासवान ने इस की जानकारी एसपी संतोष सिंह एवं एसपी (सिटी) सुरेश धु्रव को भी दे दी.

घटना चूंकि पुलिस कांस्टेबल की पत्नी के हत्या की थी, इसलिए दीपक पासवान ने तुरंत नक्सलियों के गढ़ सुकमा (बस्तर) में डौग हैंडलर के पद पर तैनान जौली सिंह के पति शिशुपाल सिंह को भी घटना की जानकारी दे दी.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित आमासिवनी पुलिस कालोनी में रहने वाली जौली सिंह रोजाना की तरह फेसबुक पेज पर अपने हाल के रील पर आए कमेंट्स पढऩे लगी. कई कमेंट्स पर तेजी से अंगुलियां सरकाती चली गई. किंतु  एक कमेंट पर वह अटक गई. उसे 2-3 बार पढ़ डाला. कमेंट ही कुछ ऐसा था कि उसे बारबार पढऩे का मन कर रहा था.

''हैलो, आप ने जो रील बनाई है, मुझे बहुत अच्छी लगी. आप ने तो कमाल कर दिया है, मैं ने ऐसा कभी देखा नहीं था, इस की कल्पना तक नहीं की थी. सचमुच वंडरफुल आप यह कैसे कर लेती हैं कि देख कर के मैं तो मंत्रमुग्ध हो जाता हूं! सच कहता हूं जौलीजी! आप जैसा इस दुनिया में शायद कोई हो.’’

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