प्रेमिका से अरमान को मिला आईफोन बना जान का दुश्मन
अरमान की खुशी का ठिकाना नहीं था. उस की प्रेमिका जैनब ने उस के जन्मदिन पर एक मोबाइल फोन गिफ्ट दिया था. वह फोन ले कर अपने दोस्त फैसल और उस्मान के पास आया. ये दोनों ही गली नंबर 13 भागीरथी विहार में रहते थे.
अरमान ने उन्हें फोन दिखाया तो दोनों अरमान की पीठ थपथपा कर बोले, ''आखिर तुम ने जैनब को पटा ही लिया.’’
''क्यों नहीं पटती यारो, तुम्हारा यार दिखने में कोई फटीचर थोड़ी है, हीरो हूं मैं भागीरथी विहार का.’’ अरमान छाती फुला कर बोला.
''वो तो तुम हो ही. यह बताओ, इस में सिम डाल ली अपनी?’’ फैसल ने पूछा.
''हां, सिम डाल ली है. सुनोगे, अपनी भाभी की आवाज?’’
''हां यार, हमारी बात करवाओ भाभी जैनब से.’’ उस्मान ने उतावलेपन से कहा.
इधर माहिर को किसी तरह पता चल गया कि उस की प्रेमिका उर्वशी ने उस का आईफोन अपनी सहेली को नहीं बल्कि बौयफ्रैंड अरमान को दिया है. यह बात उसे बहुत बुरी लगी थी. उसे अरमान का फोन नंबर भी मिल गया था.
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एक साथ 2 युवकों से चल रहा था इश्क
अरमान अभी जैनब का नंबर मिलाने ही जा रहा था कि उस के फोन पर किसी की काल आ गई. नंबर नया था. अरमान ने काल उठा ली, ''हैलो, आप को किस से बात करनी है?’’ उस ने पूछा.
''तुम्हारा नाम अरमान है क्या?’’ दूसरी ओर से पूछा गया.
''हां, मेरा नाम अरमान है, तुम कौन हो?’’ हैरानी से अरमान ने पूछा.