17 अप्रैल, 2023 को रोशनी का डिजिटल मार्केटिंग का पेपर था. वह जालौन जिले के एट कस्बा स्थित रामलखन पटेल डिग्री कालेज में बीए (द्वितीय वर्ष) की छात्रा थी. इसी कालेज में उस की बड़ी बहन शीलम भी पढ़ती थी. वह बीए फाइनल में थी. उस का हिंदी साहित्य का पेपर था. सुबह 8 बजे उन दोनों को उन का भाई श्रीचंद्र अपनी बाइक से कालेज गेट पर छोड़ कर चला गया था.

लगभग साढ़े 10 बजे रोशनी और शीलम परीक्षा दे कर कालेज से निकलीं. हाथों में प्रवेश पत्र थामे दोनों बहनें अपने घर की तरफ चल दीं. चलतेचलते दोनों आपस में बातचीत भी करती जा रही थी. जैसे ही वे कोटरा तिराहे की ओर बढ़ीं, तभी रोशनी एकाएक ठिठक कर रुक गई.

किसी अनचाहे शख्स के अंदेशे में उस ने पलट कर देखा. पीछे एक बजाज पल्सर बाइक सवार को देख कर उस की आंखों में खौफ की छाया तैर गई. क्योंकि वह बाइक पर पीछे की सीट पर बैठे युवक को जानती थी. रोशनी ने तुरंत अपनी बड़ी बहन शीलम का हाथ जोर से पकड़ा और घसीटते हुए कहा, ''जरा तेज कदम बढ़ाओ.’’

शीलम ने रोशनी को खौफजदा पाया तो फौरन पलट कर पीछे देखा. वह भी पूरा मामला समझ गई. इस के बाद दोनों बहनें फुरती से तेजतेज चलने लगीं.

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चेहरे पर हलकी दाढ़ी और सख्त चेहरे वाला युवक राज उर्फ आतिश था, जो रोशनी का मंगेतर था, पर किसी वजह से उस से सगाई टूट गई थी. राज व उस के साथी को देख कर दोनों बहनों की चाल में लडख़ड़ाहट आ गई थी. आशंका को भांप कर रोशनी ने मोबाइल निकाल कर किसी का नंबर मिलाया.

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