ग्रीष्मा ने शैरोन से पीछा छुड़ाने के लिएसाजिश की शुरुआत की. वह अब जब भी शैरोन से मिलती उस की चुस्तीफुरती के लिए उसे आयुर्वेदिक जूस पिलाने की बात कहती. वह जूस पीने के लिए जिद करती, तब शैरोन हर बार खुशीखुशी जूस पी लिया करता था. जूस पीने के बाद शैरोन की तबियत बिगड़ जाती, उसे उल्टियां होने लगतीं. लेकिन बाद में तबियत ठीक हो जाती थी.
असल में ग्रीष्मा की साजिश जूस में जहर मिला कर देने की थी और ऐसा वह कर भी रही थी. ग्रीष्मा ने पिछले 2 महीने में 10 बार शैरोन को मारने की कोशिश की थी. इस के लिए वह कीटनाशक मिला जूस पिलाती थी. यही कारण था कि जब भी शैरोन ग्रीष्मा के दिए जूस को पीता उस की तबियत बिगड़ जाती.
जूस कड़वा लगने पर कड़वाहट को दूर करने के लिए ग्रीष्मा आम या अन्य किसी मीठे जूस को भी पिला दिया करती थी. इस के बावजूद उस का जी मिचलाने लगता और उसे उल्टियां होने लगती थीं.
शैरोन इसे हर बार महज इत्तफाक मानता और ग्रीष्मा पर शक नहीं करता था. दरअसल, ग्रीष्मा ने षडयंत्र के तहत शैरोन को जूस में धीमा जहर देना शुरू कर दिया था.
परिजनों के पूछने पर शैरोन इस बात को अपनी बीमारी व इत्तफाक बता कर अपनी गर्लफ्रैंड ग्रीष्मा का बचाव करता था. प्रेमिका पर शक करने से इंकार कर देता था. हां, इतना जरूर था कि शैरोन ने हर बार जूस पीने की बात जरूर स्वीकार की.
साजिश के तहत 14 अक्तूबर को ग्रीष्मा ने घर बुला कर शैरोन को घातक डोज दी. इस काम में ग्रीष्मा की मां सिंधु व चाचा निर्मल कुमार ने उस का पूरा सहयोग किया. ग्रीष्मा की शादी दूसरे के साथ तय हो गई थी. इसलिए वह शैरोन को अब रास्ते से जल्द से जल्द हटाना चाहती थी.