पहली अगस्त, 2022 को शाम के करीब 6 बजे का समय था. रामपुर जिले के गांव जालिफ नगला की रहने वाली आसिफा और उन की बेटी फायजा ही उस समय घर पर थी. उस दिन फायजा का दोस्त हसन भी उस से मिलने आया हुआ था. इसलिए वह उसी के साथ बैठी थी. थोड़ी देर पहले ही उस ने हसन को चायनाश्ता कराया था. हसन अकसर फायजा से मिलने आता रहता था. उसी समय आसिफा को कोई काम याद आया तो वह दूसरी मंजिल पर चली गई.
वहां जाते ही आसिफा अपने काम में लग गई. आसिफा को काम में लगे कोई आधा घंटा हुआ था, तभी नीचे से फायजा के चीखने की आवाज आई. बेटी के चीखने की आवाज सुनते ही आसिफा पागलों की तरह नीचे की ओर दौड़ी. नीचे आने के बाद उस ने जो मंजर देखा, उसे देखते ही उस की भी चीख निकल गई.
हसन के हाथ में चाकू था. वह उसी चाकू से फायजा पर बेरहमी से वार कर रहा था. चाकू के अनगिनत वार से फायजा के सारे कपड़े खून से तरबतर हो गए थे. बेटी की हालत देख आसिफा ने हसन के हाथ से चाकू छीनने की कोशिश की. लेकिन हसन उन्हें धक्का दे कर भाग गया. उस ने कभी सोचा भी नहीं था कि जो हसन उस की बेटी को जी जान से चाहता है, आज वही उस की जान का दुश्मन बन जाएगा.
हसन के घर से भागते ही आसिफा ने फायजा को संभालने की कोशिश की. लेकिन अधिक खून निकल जाने के कारण वह बेहोश हो गई थी. जब आसिफा को लगा कि फायजा की जान खतरे में है तो उस ने घर के बाहर आ कर सहायता के लिए जोरजोर से चिल्लाना शुरू किया.