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बात 12 अप्रैल, 2023 की है. उत्तरपूर्वी दिल्ली के करावल नगर क्षेत्र के महालक्ष्मी विहार में 12 अप्रैल की सुबह उस वक्त होहल्ला मच गया, जब मकान नंबर बी-85 के बाहर दरवाजे पर एक युवती की लाश किसी ने पड़ी देख कर शोर मचाया. देखते ही देखते अड़ोसपड़ोस ही नहीं, दूसरी गलियों के लोग भी उस मकान के आगे आ कर लाश देखने के लिए जमा होने लगे. युवती के शरीर पर सलवारसूट था. उस की उम्र 30 साल के करीब लग रही थी. चेहरे मोहरे से वह मध्यम परिवार की दिखाई देती थी.

किसी ने इस लाश की सूचना फोन द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी. करीब 20-25 मिनट में ही करावल नगर थाने के एसएचओ नफे सिंह 2-3 पुलिसकर्मियों को ले कर वहां आ गए. पुलिस ने पहले वहां एकत्र भीड़ को दूर हटाया, फिर युवती की लाश का निरीक्षण किया गया. युवती के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट अथवा जख्म के निशान नहीं थे, एसएचओ नफे सिंह की पैनी निगाहों ने युवती के गले पर लाल निशान देखे तो तुरंत अनुमान लगा लिया कि युवती को गला घोंट कर मारा गया है.

सब से पहले युवती की शिनाख्त का प्रश्न था. अभी तक वहां जमा लोगों में से किसी ने भी मृतका की पहचान नहीं की थी. इस से यही लगा कि यह युवती इस क्षेत्र की नहीं है. उन्होंने इस लाश की सूचना मोबाइल फोन द्वारा नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी जौय टिर्की को दे दी. उन से सलाहमशविरा करने के बाद उन्होंने फोटोग्राफर और फोरैंसिक टीम को मौके पर बुला लिया. उन के आ जाने पर दूसरी आवश्यक कागजी काररवाई पूरी कर के लाश को जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया.

15 अप्रैल, 2023 को इंसपेक्टर (इनवैस्टीगेशन) राजेंद्र कुमार ने वादी बन कर अज्ञात हत्यारे के खिलाफ भादंवि की धारा 302/201 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवा दी. उसी दिन उस युवती की लाश का पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि युवती की हत्या गला दबा कर की गई है. युवती शादीशुदा होगी, इस बात के कोई सुहाग चिह्न युवती के जिस्म पर नहीं थे, इस से यह अनुमान लगाया गया कि युवती कुंवारी थी और किसी साथ प्रेम संबंध में फंस कर उस ने अपनी अस्मत ही नहीं खोई थी, खुद भी दुनिया से विदा कर दी गई.

‘युवती कौन थी,’ सब से पहले यह पता लगाना जरूरी था.

मृतका की शिनाख्त कराने की हुई कोशिश

डीसीपी डा. जौय टिर्की ने युवती की शिनाख्त और उस के हत्यारे का पता लगाने के लिए एक पुलिस टीम एसीपी संजय सिंह (खजूरी खास) के नेतृत्व में गठित कर दी. इस टीम में करावल नगर थाने के एसएचओ नफे सिंह, इंसपेक्टर (इनवैस्टीगेशन) राजेंद्र कुमार, एसआई मनदीप कुकाना, एएसआई माथी, हैडकांस्टेबल मनीष यादव, अमरीश, कांस्टेबल शुभम, निखिल को शामिल किया गया.

युवती की पहचान के लिए दिल्ली के सभी थानों में लाश की फोटो भेज कर यह मालूम करने की कोशिश की गई कि इस युवती की गुमशुदगी उन के यहां दर्ज तो नहीं है, यदि है तो वह थाना करावल नगर में इस की इत्तला दें. लेकिन 2-3 दिन बीत जाने के बाद भी किसी भी थाने में सूचना नहीं मिली तो युवती के पैंफ्लेट छपवा कर करावल नगर और आसपास के इलाकों में चिपकाए गए.

इस से भी बात नहीं बनी तो अखबारों में मृतका की फोटो छपवा दी गई और उस को पहचानने वाले को उचित ईनाम देने की घोषण कर दी गई, लेकिन इस से भी पुलिस को युवती के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. फिर 4-5 दिन बाद पुलिस ने युवती के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया.

एक बार पूरी टीम उच्चाधिकारियों के साथ सिर जोड़ कर मंत्रणा के लिए बैठी. सभी से इस केस में आगे बढऩे के लिए उन के सुझाव पूछे गए.

इंसपेक्टर (इनवैस्टीगेशन) राजेंद्र कुमार ने अंधेरे में भटकती पुलिस टीम के सामने अपना सुझाव रखते हुए कहा, “सर, यदि हम सीसीटीवी का सहारा लें तो हमें सफलता मिलने की संभावना है. मेरा मानना है कि जहां युवती की लाश मिली है, हमें वहां के सीसीटीवी को खोजना होगा. यदि वहां सीसीटीवी मिला तो काफी हद तक हम हत्यारों का सुराग पा सकते हैं.”

“शाबाश, मिस्टर राजेंद्र कुमार, आप ने बहुत अच्छा सुझाव दिया है, निस्संदेह वहां सीसीटीवी होंगे. उन में अपराधी द्वारा लाश उस मकान के बाहर डालने का एक भी फोटो यदि मिलता है तो हमें आगे बढऩे की राह मिल जाएगी.” डीसीपी जौय टिर्की राजेंद्र कुमार की पीठ थपथपा कर बोले, “आप सभी लोग इस बात पर अमल करिए.”

पुलिस टीम उसी वक्त थाने से निकल कर महालक्ष्मी विहार के मकान नंबर बी-85 के सामने पहुंच गई. उस युवती की लाश वहीं पाई गई थी. पुलिस वालों की खोजी नजरें वहां आसपास सीसीटीवी कैमरों को तलाशने लगीं. उस जगह पर तो नहीं, सामने सडक़ पर उन्हें सीसीटीवी कैमरा एक पोल पर लगा दिखलाई दे गया.

सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग

तुरंत उस की फुटेज निकलवा कर कंट्रोल रूम में चैक की गई तो पुलिस टीम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उस सडक़ पर उन्हें एक बाइक पर 3 लोग बैठ कर गली की ओर जाते नजर आ गए. उन तीनों में एक बाइक चला रहा युवक था, दूसरा पीछे बैठा युवक दिखलाई दे रहा था. दोनों के बीच में एक युवती बैठी थी. जूम कर के देखने पर यह स्पष्ट हो गया कि युवती की आंखें बंद हैं यानी वह मुरदा हालत में है, जिसे पीछे बैठे युवक ने थाम रखा है.

यह युवती वही थी, जिस की लाश पुलिस को बी-85 घर के बाहर मिली थी. फुटेज में दोनों युवकों के चेहरे ज्यादा स्पष्ट नहीं थे. कुछ दूरी पर एक सीसीटीवी और नजर आया. उस की फुटेज देखी गई तो वे दोनों युवक बीच में मृत युवती को बाइक पर बिठा कर महालक्ष्मी विहार की तरफ आते नजर आए.

पुलिस टीम ने युवती और उन युवकों का पताठिकाना जानने के लिए सीसीटीवी को आधार बनाया. रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालती हुई पुलिस टीम आखिर में शाहदरा के तेलीवाड़ा क्षेत्र तक पहुंच गई. यहां से आगे के पोल पर भी सीसीटीवी थे लेकिन उन में इन युवकों की तसवीर नहीं थी.

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