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बात 24 मई, 2021 की है. दोपहर करीब सवा बजे जबलपुर जिले के थाना खितौली की टीआई जगोतिन मसराम के मोबाइल पर किसी ने काल की.

काल करने वाले ने बताया, ‘‘मैडम, मेरा नाम नारायण पटेल है. सिहोरा थाने के गुरजी गांव का रहने वाला हूं. मेरे पिता प्रेमनारायण पटेल के मोबाइल पर किसी ने सूचना दी थी कि पान उमरिया रोड किनारे उस की मोटरसाइकिल पड़ी है. उस के थोड़ी दूरी पर ही एक लाश से दुर्गंध आ रही है. मुझे डर लग रहा है मैडम, क्योंकि मेरा छोटा भाई सोनू 16 मई से ही लापता है.’’

‘‘तुम डरो मत, तुम हरगढ़ जंगल पहुंचो, मैं भी एक घंटे में पहुंच रही हूं.’’ टीआई ने कहा.

टीआई अपनी जांच टीम के साथ साढ़े 3 बजे हरगढ़ जंगल में पहुंच गईं. वास्तव में वहां एक लाश सड़ीगली हालत में मिली. थोड़ी दूर एक बाइक भी गिरी हालत में मिली.

पुलिस टीम के सभी सदस्य कोरोना किट में थे. वहां तेज दुर्गंध भी फैल रही थी. लाश के पास से जूट की करीब एकएक मीटर की 2 रस्सियां, नीले रंग का लोअर, टीशर्ट, बनियान, चमड़े के चप्पल और 2 मास्क बरामद किए.

जांचपड़ताल चल ही रही थी कि तभी नारायण भी भागता हुआ आया, उस ने अपनी मोटरसाइकिल भी पहचान ली. लाश बुरी तरह से सड़गल चुकी थी. चेहरा तो बिलकुल ही पहचान में नहीं आ रहा था.

मांस से बाहर निकली कुछ हड्डियां दिख रही थीं. खून तो सूख कर काला पड़ चुका था. आंखों का पता नहीं चल रहा था. लगता था वे बुरी तरह से कुचल दी गई हों. पास में ही करीब 10-15 किलोग्राम का एक पत्थर दिखा.

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