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मृतका मनप्रीत कौर शादीशुदा और एक बच्ची की मां थी. गांव हरियावाला, उत्तराखंड निवासी केसर सिंह ने अब से लगभग 8 साल पहले अपनी बेटी मनप्रीत कौर की शादी उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर के गांव भीकमपुर निवासी सुखबीर सिंह के साथ की थी.

हालांकि हरनाम सिंह काफी समय से गांव भीकमपुर में रहते थे. लेकिन उन की अपनी जुतासे की बिलकुल भी जमीन नहीं थी.

परिवार बड़ा था. वह स्वयं एक ट्रक ड्राइवर थे, जिस के सहारे ही उन्होंने अपने 9 सदस्यों के परिवार को जैसेतैसे चला रखा था. ट्रक ड्राइवर रहते हुए ही उन्होंने अपनी 5 बेटियों और 2 बेटों की शादी भी कर दी थी.

शादी के बाद ही उन का बड़ा बेटा गुरमुख सिंह अपनी बीवी को ले कर अलग हो गया था. सुखबीर सिंह ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए ड्राइवरी को ही अपना पेशा बनाया था. सुखबीर की शादी के कुछ समय बाद ही हरनाम सिंह भी किसी बीमारी के चलते चल बसा. उस के बाद सुखवीर अपनी पत्नी मनप्रीत कौर के साथ ही अपने पिता के घर में अकेला ही रहने लगा था.

मनप्रीत कौर के साथ शादी हो जाने के बाद दोनों खुशहाल जिंदगी गुजारने लगे थे. सुखवीर सिंह एक सीधेसादे स्वभाव का था. वह कार ड्राइवरी करता था. वह सुबह ही अपनी कार ले कर रोजीरोटी की तलाश में निकल जाता. फिर मनप्रीत कौर घर पर अकेली ही रह जाती थी.

हालांकि सुखवीर सिंह और उस के भाई गुरमुख सिंह का घर एकदूसरे से सटा हुआ था, लेकिन बीच में दीवार होने के कारण दोनों का अपना ही रहना, खानापीना था. जिस कारण मनप्रीत कौर का मन घर से उचटने लगा था.

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