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अभिषेक सैनी सारण जिले के मशरक थाना के दक्षिण टोला में रहता था. वह उस के भाई का बेटा था. रिश्ते में भतीजा लगता था. 19 वर्षीय अभिषेक इंटरमीडिएट में पढ़ रहा था. लालसा ने अभिषेक को घर बुलवा लिया. उस ने जब अपने खतरनाक इरादों से उसे अवगत कराया तो अभिषेक कांप उठा. उस ने लालसा को समझाया भी, लेकिन वह नहीं मानी.

उस ने अभिषेक से कहा, ‘‘देशदीपक जैसे नाग को कुचलना ही होगा. उस ने आज मेरी जिंदगी बरबाद की है. कल किसी दूसरी लड़की की कर सकता है. वह किसी तरह की माफी के काबिल हरगिज नहीं है.’’

पक्का इरादा बनाने के बाद लालसा ने बसंतपुर से एक तेजधार वाला चापड़ और एक चाकू खरीदा और उसे छिपा कर बैग में रख लिया.

योजना के तहत पहली जून, 2022 की सुबह 4 बजे लालसा अपने भतीजे अभिषेक के साथ कानपुर आ गई. फिर 40 किलोमीटर का सफर बस द्वारा तय कर बिल्हौर कस्बा पहुंची. देशदीपक अपने कमरे में ही था. वह ड्यूटी पूरी कर एक घंटा पहले ही कमरे में आया था.

लालसा को देख कर वह मन ही मन खुश हुआ. लालसा भी उस से घुलमिल गई और मीठीमीठी बातें करने लगी. लालसा ने देशदीपक को आभास नहीं होने दिया कि वह कितने खतरनाक मंसूबों के साथ उस के पास आई है.

लगभग साढ़े 12 बजे देशदीपक की पत्नी अंजलि का फोन आया तो वह उस से रसीली बातें करने लगा. दोनों की बातों से लालसा का गुस्सा और बढ़ गया.

अभिषेक कमरे के बाहर कुरसी पर बैठा अखबार पढ़ रहा था. कमरे में लालसा और देशदीपक थे. देशदीपक, लालसा से शारीरिक मिलन करना चाहता था, सो वह उस से जबरदस्ती करने लगा.

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