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हेमंत दिमाग से माधुरी के साथ खेल रहा था, जबकि वह दिल की खुशी के चक्कर में अच्छाबुरा सोचे बिना डगमगा गई. वह उसे अपने इशारों पर नचा रहा था. माधुरी उस की हर बात मानती थी और हद दरजे का विश्वास करती थी. हेमंत के कहे अनुसार, माधुरी राहुल के साथ भागी भी और शादी भी कर ली. दोनों पकड़े भी गए. उन्हें पकड़वाने में हेमंत ने ही अहम भूमिका निभाई थी.

उस ने माधुरी से पीछा छुड़ाने की योजना मन ही मन पहले ही तैयार कर ली थी. इतना सब तमाशा होने के बाद वह घर आई तो उस ने हेमंत को शादी की बात याद दिलाई. बदनामी, परिवार की डांटफटकार माधुरी ने सिर्फ हेमंत से शादी करने के लिए सही थी. हेमंत उसे प्यार से समझाबुझा कर पीछा छुड़ाने के बजाए उस के सपनों को और भी ऊंचाई दे कर बरगलाने का काम करता रहा. उस के कहने पर माधुरी राहुल से पिता के मोबाइल से बातें करती रही.

22 दिसंबर को हेमंत ने माधुरी से कहा था कि अगले दिन वह घर से निकल कर गांव के बाहर तय जगह पर पहुंच जाए. उसे लगता था कि माधुरी ऐसा नहीं करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. माधुरी उस के झूठे प्यार में अंधी हो चुकी थी. वह उस खेत पर पहुंच गई, जहां उस ने पहुंचने को कहा था. माधुरी ने यह बात हेमंत को फोन कर के बता भी दी. वह खेत गांव के किसान डंकारी सिंह का था. हेमंत ने पहले ही तय कर लिया था कि उसे क्या करना है. माधुरी उस के गले की फांस बन चुकी थी. शाम करीब 4 बजे वह खेत पर पहुंचा और माधुरी को कंबल तथा बाजार से ला कर खाना दे आया.

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