25 वर्षीय अंजलि यादव 22 मई, 2019 को अपने कमरे में कुरसी पर अकेली बैठी गहन चिंतन में डूबी हुई थी. वह सिद्धार्थनगर जिले के मोहाना थाना स्थित गौहनिया बाजार में विजय कुमार के मकान में पहली मंजिल पर रहती थी. अंजलि और उस की सहकर्मी मित्र खुशबू सिद्धार्थनगर के कंचनपुर प्राइमरी पाठशाला में एक साथ पढ़ाती थीं. चूंकि उन दिनों विद्यालय में ग्रीष्मकालीन छुट्टियां हो गई थीं. इसलिए छुट्टियां होते ही खुशबू अपने घर चली गई थी. अंजलि भी अपने घर जाने की तैयारी में थी.
अंजलि उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कठौद थाना क्षेत्र के हुसेपुरा सुरई की रहने वाली थी. वह सिद्धार्थनगर में रह कर नौकरी करती थी. 22 दिसंबर, 2017 को उस की पहली तैनाती सिद्धार्थनगर जिले के गौहनिया प्राइमरी पाठशाला में हुई थी. सरकारी अध्यापिका बन कर अंजलि संतुष्ट नहीं थी. क्योंकि उस ने अपने जीवन के लिए इस से भी बड़ा लक्ष्य तय किया था. वह लक्ष्य था आईएएस अधिकारी बनने का. अपनी धुन की पक्की अंजलि विद्यालय से कमरे पर आने के बाद एग्जाम की तैयारी करती थी.
बहरहाल, 22 मई को अंजलि अपने कमरे में अकेली थी. उसे अकेली देख कंपनी देने के लिए मकान मालिक की दोनों बेटियां रिया और सीमा उस के कमरे में आ गईं. वैसे भी जब वह अकेली होती थी, रिया और सीमा अकसर उसे कंपनी देने उस के पास आ जाया करती थीं. उस दिन भी दोनों बहनें उसे कंपनी देने कमरे में आई थीं.
बातोंबातों में कब 2-3 घंटे बीत गए, उन्हें पता ही नहीं चला. शाम साढ़े 3 बजे के करीब रिया और सीमा अपने कमरे में लौट आईं तो अंजलि फिर अकेली रह गई थी. एक घंटे बाद यानी शाम साढ़े 4 बजे के करीब अंजलि के कमरे से धुएं का तेज गुबार आसमान की ओर उठा तो उसे देख कर पासपड़ोस के लोग हैरान रह गए. कुछ ही देर में मौके पर सैकड़ों लोग जमा हो गए. अचानक घर के बाहर लोगों की भीड़ जुटते देख रिया और सीमा हैरान रह गईं. वे यह नहीं समझ पा रही थीं कि अचानक इतने लोग उन के घर के बाहर क्यों जमा हुए हैं. लेकिन जल्दी ही दोनों हकीकत समझ गईं. क्योंकि बाहर खड़े लोग आगआग चिल्ला रहे थे. पड़ोस के 8-10 लोग पहली मंजिल पर अंजलि यादव के कमरे तक पहुंचे. उन के साथ रिया और सीमा भी थीं. लोगों ने देखा कि उस के कमरे के बाहर दरवाजे पर ताला लगा हुआ था. उन्होंने किसी तरह ताला तोड़ कर दरवाजा खोला.