Love Crime : किसी खूबसूरत लड़की से प्यार हो जाना स्वाभाविक है, फिर शिवानी तो खूबसूरत के साथसाथ टिकटौक स्टार भी थी. अगर आरिफ को उस से एकतरफा प्यार हो गया था तो शिवानी को उसे बढ़ावा नहीं देना चाहिए था. उस की यही भूल उस के लिए…
17 वर्षीय शिवानी खोबियान 24 जून, 2020 को भी रोजाना की तरह नियत समय पर अपने ब्यूटी पार्लर टच एंड फेयर पहुंच गई थी. उस का यह पार्लर कुंडली थाने के पौश एरिया टीडीसी सिटी में था. शिवानी ने पार्लर की देखरेख के लिए अपनी छोटी बहन श्वेता के दोस्त नीरज को जौब पर रख लिया था. वह सुबह साढ़े 10 बजे तक पार्लर की साफसफाई कर के रेडी रखता था. शिवानी 11 बजे तक पार्लर आती थी. सुंदर और गुणी शिवानी टिकटौक स्टार थी. उस के लाखों फौलोअर्स थे. दीवाने उस की मोहक अदाओं पर मर मिटे थे. कई तो उसे प्रेम निवेदन भी भेज चुके थे, लेकिन शिवानी पागल दीवानों की अनदेखी कर टिकटौक प्लेटफार्म पर वीडियो बना कर पोस्ट करती रहती थी. वह सोनीपत के कुंडली में अपने मांबाप और 3 बहनों के साथ रहती थी.
24 जून दोपहर 2 बजे की बात है. शिवानी ने ग्राहकों से फारिग हो कर पार्लर का मुख्य द्वार बंद कर दिया और टिकटौक के लिए वीडियो शूट करने लगी. उस ने वीडियो बना कर टिकटौक पर पोस्ट कर दी और फिर अपने काम में जुट गई. रात के 8 बज गए. लेकिन शिवानी घर नहीं लौटी तो उसे ले कर घर वालों को थोड़ी चिंता हुई. छोटी बहन श्वेता ने उस के फोन पर काल किया. लेकिन उस का फोन स्विच्ड औफ था. शिवानी कभी फोन औफ नहीं रखती थी. श्वेता ने अपने फोन से उस के वाट्सऐप पर मैसेज किया, ‘‘दी, तुम कहां हो? तुम्हारा फोन औफ क्यों आ रहा है? मम्मीपापा और हम सभी तुम्हारे लिए परेशान हैं, जल्दी बताओ.’’
श्वेता के मैसेज भेजने के कुछ देर बाद शिवानी ने श्वेता के वाट्सऐप पर जवाब दिया, ‘‘श्वेता, मैं जरूरी काम से हरिद्वार जा रही हूं. 3-4 दिन बाद घर लौटूंगी, तुम लोग परेशान मत होना, तब तक मम्मीपापा का ध्यान रखना.’’
शिवानी का मैसेज पढ़ कर श्वेता ने यह बात मम्मीपापा को बता दी. सुन कर सभी ने चैन की सांस ली. शिवानी के पिता विनोद खोबियान बेटी की ओर से इसलिए भी निश्चिंत हो गए, क्योंकि वह अकसर पार्लर से ही बाहर चली जाती थी लेकिन कहीं जाने से पहले वह घर पर बता देती थी. इस बार उस ने बाहर जाने की बात घर में नहीं बताई थी. 26 जून की सुबह साफसफाई करने नीरज 11 बजे ब्यूटी पार्लर पहुंचा. उसे शिवानी के हरिद्वार जाने की बात पता चल गई थी, इसलिए वह शिवानी के हरिद्वार से लौटने वाले दिन आया था. दुकान खोल कर नीरज जैसे ही अंदर गया, दुकान के भीतर से किसी चीज के सड़ने की इतनी तेज दुर्गंध आई कि वह उल्टे पांव बाहर आ गया.
उस ने सोचा कि दुकान कई दिनों से बंद थी, हो सकता है कोई चूहा मर गया हो और उसी के सड़ने की बदबू आ रही हो. फिर वह नाक पर रूमाल बांध कर दुकान के अंदर गया. दुकान के भीतर ग्राहकों के मसाज के लिए एक बैड बिछा था. कई मामलों में शिवानी बैड पर लेटा कर अपने ग्राहकों को मसाज किया करती थी. उस ने महंगे क्रीम पाउडर रखने के लिए एक बड़ी अलमारी भी रखी हुई थी. हो गया शिवानी का कत्ल नीरज ने फौरी तौर पर कमरे का निरीक्षण किया. अलमारी भी देख ली. उसे कहीं भी कोई ऐसी चीज नहीं मिली जिस में से दुर्गंध आ रही हो. लेकिन जब वह बैड के पास पहुंचा तो वहां से तेज बदबू आई.
उसे लगा जैसे बदबू के मारे अभी उल्टी हो जाएगी. वह नाकमुंह दबा कर तेजी से बाहर निकल आया. बाहर आ कर उस ने ताजा सांस ली. उस के बाद वह फिर दुकान के अंदर गया और बैड पर लगे कुंडे को पकड़ कर बैड का बड़ा ढक्कन उठाया. ढक्कन उठाते ही वह बुरी तरह चौंका. उस के हाथ से ढक्कन तेजी से छूट गया और वह एक बार फिर तेजी से बाहर की ओर भागा. बैड के भीतर टिकटौक स्टार और ब्यूटी पार्लर की मालकिन शिवानी खोबियान की लाश पड़ी हुई थी. बदबू उसी बैड में से आ रही थी. शिवानी का शव देख कर नीरज के हाथपांव थरथर कांपने लगे. एक पल के लिए उस के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे?
थोड़ी देर बाद जब वह सामान्य हुआ तो उस ने सब से पहले अपनी दोस्त श्वेता को फोन कर के शिवानी दीदी की लाश के बारे में जानकारी दी और पार्लर पर आने को कहा. यह 28 जून की बात है. शिवानी की लाश मिलने की जानकारी होते ही घर में कोहराम मच गया था. श्वेता, उस की मम्मी और पापा तथा कुछ परिचित तत्काल पार्लर पहुंच गए, जहां शिवानी की लाश बैड के अंदर पड़ी थी. मौके पर पहुंचे मृतका के पिता विनोद खोबियान ने फोन कर के घटना की जानकारी कुंडली थाने को दे दी. सूचना मिलते ही कुंडली थाने के थानेदार रविंदर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. तब तक वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी. पुलिस को आया देख भीड़ छंट गई.
सभी को इस बात पर ताज्जुब हो रहा था कि शिवानी ने मैसेज से जब हरिद्वार जाने की बात कही थी तो उस की लाश बैड के भीतर कैसे आई?
थानाप्रभारी रविंदर ने भीड़ को हटाया और टीम के साथ दुकान के भीतर गए. उन्होंने सरसरी निगाह से एकएक चीज की जांचपड़ताल की. दुकान के भीतर रखे ब्यूटी प्रसाधन और अन्य चीजें अपनी जगह थीं. हत्यारे ने किसी चीज को छुआ तक नहीं था. इस से एक बात तय थी कि हत्यारे की मंशा लूटपाट करने की नहीं थी. उस का लक्ष्य सिर्फ शिवानी थी और उस ने उस के प्राण लिए थे. शिवानी की हत्या कर के लाश को बैड के अंदर छिपाया ही नहीं गया था, बल्कि बाहर से दुकान का ताला भी बंद कर दिया गया था. इस से साफ पता लग रहा था कि इस घटना में उस का कोई जानने वाला जरूर शामिल था. एसओ रविंदर ने लाश का मुआयना किया. लाश बैड के भीतर आड़ीतिरछी पड़ी हुई थी.
शरीर पर एक खरोंच तक नहीं थी. लाश से बदबू उठ रही थी, इस से अनुमान लगाया गया कि शिवानी की मौत 2 से 3 दिनों के बीच हुई होगी. घटनास्थल और लाश का मौकामुआयना करने के बाद एसओ रविंदर ने डीएसपी वीरेंद्र सिंह और एसपी जे.एस. रंधावा को फोन कर के घटना की सूचना दे दी. थोड़ी देर बाद डीएसपी सिंह मौके पर आ गए. लाश के परीक्षण से यह बात साफ हो गई कि शिवानी की हत्या गला दबा कर की गई थी. उस के गले पर निशान मौजूद थे. पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल सोनीपत भेज दिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई.
एसओ रविंदर ने मृतका के पिता विनोद से उस की किसी से दुश्मनी अथवा लड़ाईझगड़े की बात पूछी तो उन्होंने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया लेकिन इतना जरूर बताया कि आरिफ नाम का एक लड़का सालों से शिवानी को परेशान कर रहा था, उसी पर शक है. पिता की बात सुन कर श्वेता को याद आया कि 26 जून की दोपहर में जब शिवानी से उस की बात हुई थी तो उस ने बताया कि आरिफ पार्लर पर आया है और परेशान कर रहा है. इस के बाद उस ने यह कहते हुए फोन काट दिया था कि वह बाद में बात करेगी. लेकिन शिवानी ने कालबैक नहीं किया. ऐसा पहली बार हुआ था कि शिवानी देर रात तक घर नहीं लौटी थी.
श्वेता ने आगे बताया कि जब उस ने शिवानी के फोन पर काल लगाई तो फोन बंद आने था. तब मैं ने उस के वाट्सऐप पर मैसेज दिया तो थोड़ी देर बाद उस के फोन से रिप्लाई आया कि जरूरी काम से हरिद्वार आई हूं. मंगलवार तक घर लौट आऊंगी. इंसपेक्टर रविंदर ने श्वेता की बातें बड़े गौर से सुनीं. उस की बातें सुन कर वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि शिवानी की हत्या में कहीं न कहीं आरिफ का हाथ जरूर है. संभव है शिवानी की हत्या उसी ने की हो और वहां से भागते समय शिवानी का फोन अपने साथ ले गया हो. फिर घर वालों को गुमराह करने के लिए उसी फोन से शिवानी की ओर से मैसेज का जवाब दिया हो.
घर वालों के बयानों से शक की कोई गुजाइश नहीं बची थी. आरिफ ही संदिग्ध लग रहा था, लेकिन वजह अभी भी साफ नहीं हो पा रही थी कि आखिर उस ने शिवानी की हत्या क्यों की? इस सवाल का जवाब उस के पकड़े जाने के बाद ही मिल सकता था. उसी दिन शाम को मृतका शिवानी के पिता विनोद खोबियान ने एसओ रविंदर को आरिफ मोहम्मद को नामजद करते हुए एक लिखित तहरीर दी. तहरीर के आधार पर कुंडली थाने की पुलिस ने आरिफ मोहम्मद के खिलाफ धारा 302, 201 भादंवि एवं एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. इस के साथ ही आरोपी की खोजबीन शुरू हो गई. इस मामले की जांच डीएसपी वीरेंद्र सिंह को मिली थी. वीरेंद्र सिंह ने अपनी काररवाई शुरू कर दी.
आरिफ मोहम्मद कुंडली थाना क्षेत्र के प्याऊ मनियारी का रहने वाला था. पुलिस ने अपना तंत्र चारों ओर बिछा दिया था. मुखबिर ने पुलिस को सूचना दी आरोपी आरिफ अपने घर में छिपा हुआ है. मुखबिर की सूचना पर डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने 29 जून की दोपहर में पुलिस टीम के साथ आरिफ के घर पर दबिश दी. पुलिस टीम में थानाप्रभारी रविंदर भी शामिल थे. प्याऊ मनियारी पहुंच कर पुलिस ने आरिफ के घर को चारों ओर से घेर लिया. पुलिस को देख कर आरिफ ने भागने की कोशिश की लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आरिफ मोहम्मद को गिरफ्तार कर के पुलिस थाना कुंडली ले आई. डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने आरिफ को इंट्रोगेशन रूम में ले जा कर पूछताछ शुरू की.
पुलिस के सवालों के सामने वह ज्यादा देर नहीं टिक सका. पुलिस के सवालों की बौछार से आरिफ ने घुटने टेक दिए. उस ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उस ने पुलिस के सामने कहा कि शिवानी ने उस के साथ बेवफाई की थी, धोखा दिया था उसे. आरिफ ने बताया, उस के प्यार में लाखों रुपए पानी की तरह बहाने के बाद भी शिवानी ने मेरे प्यार का ऐसा सिला दिया कि मैं खुद को ठगा महसूस कर रहा था. पिछले 5 दिनों से वह मुझ से बात नहीं कर रही थी. उस ने दूसरा प्रेमी ढूंढ लिया था. मैं उस से मिलने गया तो उस ने मुझे देख कर भीतर से दरवाजा बंद करने की कोशिश की. शिवानी का यह व्यवहार मुझे अच्छा नहीं लगा, मुझे गुस्सा आ गया. मैं ने उसे धक्का दे कर दरवाजा खोल दिया. वह मुझ पर भड़क गई और चिल्लाने लगी, यह देख मैं आपे से बाहर हो गया.
मेरे दोनों हाथ उस की गर्दन तक पहुंच गए. मैं ने जोर से उस का गला दबा दिया. शिवानी मर गई. मैं समझ गया कि मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई. दिमाग को शांत कर सोचा तो लगा, मुझे वहां से निकल जाना चाहिए. बाद में शिवानी के मोबाइल पर श्वेता का वाट्सऐप मैसेज आया तो मैं ने शिवानी की ओर से मैसेज का जवाब दे दिया ताकि घर वालों को यकीन हो जाए कि शिवानी हरिद्वार गई है. इस के बाद आरिफ ने पूरी कहानी विस्तार से सुना दी. आरिफ से पूछताछ के बाद पुलिस ने देर शाम उसे अदालत के सामने पेश कर जेल भेज दिया. कहानी की बुनियाद कुछ इस तरह थी—
उत्तर प्रदेश के जिला बागपत के सोरपा निवासी विनोद खोबियान सालों पहले हरियाणा के जिला सोनीपत के कुंडली के प्याऊ मनियारी मोहल्ले में किराए का मकान ले कर परिवार सहित आ बसे थे. पत्नी और 2 बेटियां यही उन का घरसंसार था. दोनों बेटियों में शिवानी बड़ी, खूबसूरत और समझदार थी. श्वेता छोटी थी. मामूली परिवार था शिवानी का विनोद खोबियान शहर की एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करते थे. वो इतना कमा लेते थे जिस से उन के परिवार का भरणपोषण हो जाता था. साथ ही बच्चों की जरूरतें भी पूरी हो जाती थीं. 18 साल की हो चुकी शिवानी अल्हड़पन और मदमस्त किस्म की लड़की थी. एक तो जवान ऊपर से सुंदर व चंचल, वह किसी के भी मन को भा सकती थी.
शिवानी 12वीं में पढ़ती थी. उस ने अमीरी के जो ख्वाब आंखों में संजो रखे थे, वह महंगाई के जमाने में पिता के लिए पूरे करना मुमकिन नहीं था. ख्वाब चाहे खुली आंखों से देखा गया हो या सोते में, ख्वाब ही होता है. ख्वाब पूरे करने के लिए साधन, मेहनत की जरूरत होती है. शिवानी यह बात जानती थी, इसलिए ख्वाबों को साकार करने के लिए वह लगातार कोशिशों में जुटी हुई थी. सुंदर तो वह थी ही, उस में अभिनय प्रतिभा भी थी. फिल्मी दुनिया में किस्मत आजमाने के लिए उसे मायानगरी मुंबई जाना पड़ता, जो उस के लिए मुमकिन नहीं था.
पिछले 2-3 सालों से चाइनीज ऐप टिकटौक प्लेटफौर्म पीक पर था. लोग अपने वीडियो बना कर टिकटौक पर पोस्ट कर देते थे. इस तरह उन के अभिनय का शौक तो पूरा हो ही जाता था, फालोअर बढ़ने पर लाखों की कमाई भी होती थी. शिवानी को यह बात पता थी. सो उस ने भी टिकटौक प्लेटफार्म पर अपने पांव जमाने शुरू कर दिए. सितारा बनने के लिए उस ने दिनरात एक कर दिया. फालोअर्स को रिझाने के लिए वह मनमोहक अदाओं के वीडियो बना कर टिकटौक पर पोस्ट करने लगी. इस से शिवानी खोबियान को तमाम लोग पसंद करने लगे. अपनी चंचल अदाओं से उस ने थोडे़ ही समय में लाखों फालोअर्स बना लिए और पैसे भी कमाने लगी.
शिवानी के टिकटौक अभिनय से घर वाले परिचित थे. बेटी के इस काम से उन्हें कोई ऐतराज नहीं था. परिवार की ओर से मिले समर्थन के बाद शिवानी खुल कर टिकटौक प्लेटफार्म पर उतर आई. टिकटौक की बदौलत आरिफ आया जिंदगी में शिवानी खोबियान के लाखों फालोअर्स में से एक फालोअर ऐसा भी था जो अपने परिवार के साथ उसी के पड़ोस में रहता था. उस नाम था आरिफ मोहम्मद. 25 वर्षीय आरिफ मोहम्मद मध्यमवर्गीय परिवार से था. उस के पिता का खुद का छोटामोटा बिजनैस था. उसी की कमाई से परिवार का खर्च चलता था. आरिफ के भी 2 भाई और एक बहन थी. भाई बहनों में वह सब से बड़ा था. आरिफ पढ़ाई के साथसाथ पिता के व्यवसाय में भी अपना हाथ बंटाता था.
करीब 6 साल पहले विनोद खोबियान जब सपरिवार बागपत से सोनीपत आए थे तो उन्होंने कुंडली के मोहल्ला प्याऊ मनियारी में रहने के लिए मकान लिया था. आरिफ का मकान उन के पड़ोस में था. बात 4 साल पहले की है. घर से बाहर जातेआते एक दिन आरिफ की नजर शिवानी पर पड़ गई. उसे देखा तो वह देखता रह गया. वह शिवानी को तब तक देखता रहा जब तक वह उस की आंखों से ओझल नहीं हो गई. उस दिन के बाद से आरिफ शिवानी की एक झलक पाने के लिए अपने घर के बाहरी दरवाजे पर खड़ा हो जाता था. जब तक वह शिवानी का दीदार नहीं कर लेता था तब तक वहां से हटता नहीं था.
आरिफ शिवानी से एकतरफा प्यार करने लगा था. उस के इस प्यार में पागलपन था. वह शिवानी को अपने दिल का हाल बताने के लिए बेताब था. लेकिन उसे ऐसा कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था जिस से शिवानी तक पहुंच जाए. आखिरकार आरिफ ने शिवानी तक पहुंचने का रास्ता बना ही लिया. जब भी वह शिवानी के पिता को देखता तो उन्हें अदब के साथ नमस्कार करता ताकि उन की निगाहों में आ जाए. पड़ोसी तो वह था ही, इसलिए वह त्यौहारों वगैरह पर विनोद खोबियान और उन के परिवार को निमंत्रित करने लगा.
इस तरह वह शिवानी तक पहुंचने में कामयाब हो गया. शिवानी के घर वाले उस के व्यवहार के कायल थे. वे लोग उसे अपने यहां जबतब चाय पर बुलाने लगे. इस आनेजाने से शिवानी और आरिफ के बीच नजदीकियां बनती गईं. शिवानी जल्दी ही जान गई कि आरिफ उस से एकतरफा प्यार करता है लेकिन वह प्यार के पचड़े में नहीं पड़ना चाहती थी. वह सच्चे दोस्त की तरह व्यवहार करती थी. तब शिवानी टिकटौक प्लेटफौर्म से दूर थी. वह बाद में टिकटौक स्टार बनी थी. टिकटौक स्टार बनते ही शिवानी के तेवर बदल गए. वह जानती थी आरिफ उस के प्यार में पागल है. उस ने आरिफ को झांसा दे कर उसे अपने प्यार का धोखे वाला रसगुल्ला खिला दिया.
मतलब दिखाने या कहने को शिवानी भी उस से प्यार करती थी पर हकीकत में उसे धोखे में रखे थी, वह भी अपना उल्लू सीधा करने के लिए. इसी बीच जब शिवानी ने अपना ब्यूटी पार्लर खोलने की योजना बनाई तो आरिफ ने पार्लर खोलने के लिए थोड़ाथोड़ा कर के उसे लाखों रुपए दिए. चाहे दिन हो या रात, उस की एक आवाज पर वह एक पैर पर खड़ा रहता था. जबकि शिवानी उस की भावनाओं से खेल रही थी. शिवानी के दीवाने आरिफ को इस बात की जरा भी भनक नहीं थी कि वह उस से प्यार नहीं करती, बल्कि दिखावे के लिए उस की भावनाओं से खेल रही है, पैसों के लिए उस का इस्तेमाल कर रही है. आरिफ ने शिवानी के सामने निकाह करने का प्रस्ताव रखा तो शिवानी ने शादी से साफ इनकार कर दिया.
उधर आरिफ की शादी के लिए रिश्ते आ रहे थे. उस ने शिवानी से निकाह के चक्कर में घर आए कई रिश्ते ठुकरा दिए थे. बता दें कि शुरुआती दिनों में शिवानी ने आरिफ मोहम्मद के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करवा कर उसे जेल तक भिजवा दिया था. जेल से बाहर आने के बाद आरिफ का प्यार और जुनूनी हो गया था. उस के जुनून को देखते हुए शिवानी ने आरिफ से फिर दोस्ती कर ली. आरिफ शिवानी से इतना प्यार करता था कि उस ने अपने दाहिने हाथ पर उस का नाम गुदवा लिया था. जब शिवानी ने शादी करने से इनकार कर दिया तो उस ने अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. इस पर भी शिवानी का दिल नहीं पसीजा. उस ने आरिफ के प्यार को ठुकरा दिया. उस की यह बात आरिफ को पसंद नहीं आई और उस ने उसी समय फैसला कर लिया कि अगर शिवानी उस की नहीं हो सकती तो वह किसी और की भी नहीं होगी.
घटना से 15 दिन पहले की बात है. कल तब जो शिवानी आरिफ से हंसहंस कर बातें करती थी, वो उसे देख क र मुंह मोड़ने लगी. शिवानी की यह बात आरिफ के दिल में शूल बन कर चुभने लगी थी. उसे शिवानी से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि उसे देख कर वह अपना मुंह मोड़ लेगी. आरिफ ने पता लगाया कि वह उसे देख कर आखिर मुंह क्यों मोड़ रही है तो जो बात पता चली, उसे जान कर उस के दिल को गहरा धक्का लगा. शिवानी किसी लड़के से बातचीत करती थी. वह लड़का उस का बौयफ्रैंड था. यह जान कर आरिफ तिलमिला उठा. फिर भी शिवानी को पाने के लिए आरिफ ने ऐड़ीचोटी एक कर दी.
20 जून, 2020 को आरिफ ने शिवानी को मनाने के लिए उस के पार्लर के लिए हजारों रुपए का सामान खरीद कर दिया था. नानुकुर करने की बजाय उस ने सामान ले भी लिया था. आरिफ सोच रहा था कि वह एक न एक दिन उस का दिल जीत कर ही रहेगा. लेकिन हुआ इस के विपरीत. 22 जून को शिवानी ने आरिफ के नंबर को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया. इस से आरिफ और भी पागल हो गया. वह उस की आवाज सुनने के लिए तरस गया था. शिवानी को देखने के लिए जब भी वह उस के पार्लर पहुंचता, उसे देख कर शिवानी पार्लर का दरवाजा बंद कर लेती थी. कई दिनों तक ऐसा ही होता रहा.
शिवानी का व्यवहार ही बना दुश्मन 26 जून की दोपहर में आरिफ शिवानी से मिलने उस के ब्यूटी पार्लर पहुंचा. वह जानता था दोपहर के समय ग्राहक कम ही आते हैं. यह समय उस से बात करने के लिए ठीक था. उस के पार्लर की देखभाल करने वाला नीरज दोपहर में खाना खाने घर चला जाता था. बहरहाल, आरिफ जब ब्यूटी पार्लर पहुंचा, तो उसे देख कर शिवानी ने पार्लर का दरवाजा बंद कर लिया. उस समय वह फोन पर बात कर रही थी. यह देख आरिफ गुस्से के मारे पागल हो गया. उस ने बलपूर्वक दरवाजे पर जोर लगा कर दरवाजा खोल लिया और जबरन पार्लर के भीतर घुस गया. उस ने भीतर से दरवाजे पर सिटकनी लगा दी. आरिफ की हिमाकत देख कर शिवानी गुस्से से पागल हो गई और चिल्लाने लगी.
उसी समय मोबाइल पर शिवानी की छोटी बहन श्वेता का फोन आ गया. दोनों के बीच गरमागरम बहस चल रही थी. शिवानी ने ही श्वेता को बताया कि आरिफ दुकान में घुस आया है. उस से झगड़ा कर रहा है. तुम फोन रखो, उसे यहां से भगाने के बाद फोन करती हूं. इस के बाद श्वेता ने फोन काट दिया. शिवानी फिर चिल्लाने लगी. उस के चिल्लाने से आरिफ डर गया और उस के सामने हाथ जोड़ कर चुप रहने के लिए कहने लगा. वह बारबार यही कहता रहा कि तुम चुप हो जाओ, चुप हो कर मेरी बात सुन लो. मैं वापस चला जाऊंगा, फिर तुम से मिलने भी नहीं आऊंगा. लेकिन शिवानी उस की बात सुनने के लिए तैयार नहीं थी.
काफी मिन्नतों के बावजूद जब शिवानी उस की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हुई तो वह अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाया और उस ने दोनों हाथ शिवानी की गर्दन पर कस गए. कुछ ही पलों में शिवानी की सांस रुक गई और वह फर्श पर गिर गई. शिवानी मर चुकी थी. यह देख कर आरिफ के होश उड़ गए. उसे जेल की सलाखें नजर आने लगीं. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि लाश का क्या करे, उसे कहां ठिकाने लगाए. तभी उस की निगाह दुकान में पड़े बैड पर गई. आरिफ ने बैड का ढक्कन उठाया और शिवानी की लाश आड़ीतिरछी उस में डाल कर ढक्कन बंद कर दिया. साक्ष्य मिटाने के लिए शिवानी का फोन वह अपने साथ लेता गया. उस ने फोन का स्विच औफ कर दिया था. फिर पार्लर पर ताला लगा कर घर चला गया.
कुछ देर बाद जब नीरज दुकान पहुंचा तो ताला बंद देख उस ने सोचा शिवानी पार्लर बंद कर किसी काम से चली गई होगी. उस ने शिवानी के फोन पर काल किया तो फोन बंद था. यह देख कर नीरज कुछ परेशान हुआ जरूर, लेकिन बाद में उस ने इस बात को दिमाग से निकाल दिया. देर शाम पार्लर से जब शिवानी घर नहीं पहुंची तो घर वालों को थोड़ी चिंता हुई. पिता विनोद खोबियान ने छोटी बेटी श्वेता से कहा कि शिवानी को फोन कर के पूछो कि कहां है. घर लौटने में इतनी देर क्यों लगा दी. श्वेता ने जब शिवानी के फोन पर काल की तो उस का फोन स्विच्ड औफ था. उस ने उस के फोन पर कई बार काल की, लेकिन हर बार एक ही आवाज आई कि फोन स्विच्ड औफ है.
बात न हो पाने की दशा में श्वेता ने उस के वाट्सऐप पर मैसेज दे कर पूछा कि वह कहां है. घर कब तक लौटेगी. घंटों बाद आरिफ ने शिवानी का फोन औन कर के जांच किया कि कहीं उस के फोन पर किसी का मैसेज तो नहीं आया है. उस ने फोन औन किया तो उस ने श्वेता का मैसेज देखा. उस ने शिवानी की ओर से श्वेता के वाट्सऐप पर मैसेज भेज दिया कि वह हरिद्वार आई है. मंगलवार तक घर लौट आएगी. मैसेज भेज कर आरिफ ने फोन बंद कर दिया. श्वेता ने जब शिवानी का मैसेज पढ़ा तो उसे थोड़ी हैरानी हुई. उस ने मम्मीपापा को बता दिया कि वह हरिद्वार गई है, मंगलवार तक घर लौट आएगी. इस से घर वाले निश्चिंत हो गए.
28 जून, 2020 को जब नीरज पार्लर की सफाई करने वहां पहुंचा और पार्लर खोली तो टिकटौक स्टार शिवानी खोबियान की हत्या के राज से परदा उठा. कानून की आंख में धूल झोंकने के लिए आरिफ ने जिस चालाकी का परिचय दिया था, उस की चालाकी धरी की धरी रह गई और वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधार