love story : डिजिटल जमाने में कालेज के प्रेमीप्रेमिकाओं के लिए ब्रेकअप अब कोई बड़ी बात नहीं रही. इधर कालेज कैंपस छूटा, उधर सारे कसमेवादे खत्म. किंतु केरल की ग्रीष्मा और शेरोन के साथ ऐसा नहीं हो पाया. उन्होंने आपस में जो फैसला लिया, उस से एक को मौत मिली, जबकि दूसरे को फांसी की सजा. कैसे हुआ यह सब? पढ़ें बेवफाई, ब्लैकमेल और बदले की भावना से सराबोर रोंगटे खड़े कर देने वाली मर्डर मिस्ट्री में 24 वर्षीय प्रेमिका का किलर प्लान...
नए साल 2025 का तीसरा शुक्रवार था. उस रोज की तारीख 17 जनवरी शेरोन राज और ग्रीष्मा के फेमिली वालों के लिए खास थी. तिरुवनंतपुरम जिले के नय्याट्टिनकारा के अतिरिक्त सत्र न्यायालय में बहुचर्चित शेरोन हत्याकांड का मुकदमा अंतिम चरण में पहुंच चुका था. इस मामले में महज 24 साल की युवती ग्रीष्मा और उस के चाचा निर्मल कुमारन पर गंभीर आरोप लगे हुए थे. कोर्टरूम सुनवाई शुरू होने से पहले ही खचाखच भर चुका था. दोनों पक्षों के वकील, परिवार, रिश्तेदार, गवाह, दोस्तों के अलावा मीडियाकर्मी और दूसरे लोग भी मौजूद थे.
लोगों के आपस में बातें करने का शोरगुल अचानक तब बंद हो गया, जब पेशकार ने मलयालम भाषा में घोषणा शुरू की, ''अदालत का कार्य शुरू होने वाला है. आप सभी शांत हो जाएं. अपनेअपने मोबाइल फोन स्विच औफ कर दें. किसी भी तरह का इलैक्ट्रानिक डिवाइस कैमरा, रिकौर्डर, हेडफोन, इयरबोट बड या इयरफोन आदि अपने पास नहीं रखें. अपनी सीट पर बैठ जाएं... कुछ समय में ही न्यायाधीश महोदय पधारने वाले हैं. अदालत के अनुशासन और नियमों का पालन करें.’’