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मध्य दिल्ली की डीसीपी श्वेता चौहान ने हत्या का यह मामला संज्ञान में आने के बाद एसीपी नरेश खनका के निर्देशन में एसएचओ नबी करीम अशोक कुमार को इस केस का नेतृत्व सौंप कर एक जांच टीम का गठन कर दिया. इस टीम में इंसपेक्टर शिवकरण, एसआई हर्ष, हैडकांस्टेबल पप्पू लाल, वीरेंद्र, जिले सिंह, ताराचंद, कांस्टेबल विजय और सीताराम को शामिल किया गया.

पुलिस टीम ने उस जगह का निरीक्षण किया, जहां पर जतिन को चाकू मारा गया था. यह पहाडग़ंज का आकांशा रोड था. भगवती मैडिकल स्टोर के पास काफी खून फैला था. यहीं पर रात करीब एक बजे स्कूटी से शादी समारोह में शामिल होने जा रहे जतिन उर्फ जूड़ी को चाकू मार कर खत्म कर दिया गया था. शायद उस वक्त यहां कोई चश्मदीद नहीं रहा होगा, जिस ने हत्यारे को देखा हो. हत्या के बाद कोई यहां से गुजरा तब उस ने जतिन को अस्प्ताल पहुंचाया और उस के घर वालों को सूचित किया.

पुलिस ने वहां आसपास सीसीटीवी कैमरों के लिए नजरें दौड़ाईं, उन्हें वहीं रोड पर 2-3 सीसीटीवी कैमरे नजर आ गए. उन की फुटेज चैक की गई. एक कैमरे में उन्हें 3 व्यक्ति नजर आ गए. उन्होंने जतिन को पकड़ रखा था और उन में से एक जतिन के सीने पर चाकू से वार कर रहा था.

“इन तीनों व्यक्तियों की तसवीर ले कर यहां के रहने वालों को दिखाओ, ये जतिन के हत्यारे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि ये यहीं की किसी बस्ती में रहते होंगे.’’ एसएचओ अशोक ने अपनी टीम को निर्देश दिया तो पुलिस टीम काम में जुट गई. तीनों हत्यारों के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से फोटो निकाल कर उन्हें पुलिस टीम ने अपनेअपने मोबाइल में अपलोड कर लिया. फिर उन की जानकारी हासिल करने के लिए बस्ती की ओर निकल गई.

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