पूछताछ करतेकरते 2 दिन बीत गए. इसे बीच पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. इस से इलाके में तनाव बढ़ने लगा. जब इस बात की जानकारी एसपी (पश्चिम) दिनेश कुमार पी. को हुई तो उन्होंने मामले की जांच के लिए आननफानन एक पुलिस टीम गठित कर दी, जिस में थाना ग्वालटोली, कर्नलगंज, कोहना के थानाप्रभारियों के अलावा क्राइम ब्रांच के कुछ तेजतर्रार अधिकारियों को भी शामिल किया गया.
इस पुलिस टीम ने सब से पहले जीशान और उस के कुछ मित्रों के मोबाइल फोन नंबरों की काल डिटेल्स निकलवाई. काल डिटेल्स के अध्ययन के बाद पुलिस को उस में मिले एक नंबर पर संदेह हुआ. पुलिस ने उस नंबर के मोबाइन फोन की लोकेशन निकलवाई तो पता चला कि घटना वाले दिन वह फोन कानपुर में ही था, जबकि वह नंबर महाराष्ट्र का था. इस में अहम बात यह थी कि घटना से पहले उस की लोकेशन जहां कानपुर और घटनास्थल के आसपास थी, वहीं घटना घटने के बाद वह फोन बंद कर दिया गया था.
जांच टीम ने उस नंबर के बारे में पता किया तो जानकारी मिली कि वह नंबर उत्तर प्रदेश के जिला मऊ के थाना घोसी के रहने वाले मोहम्मद उमर शाद के नाम था, जो वर्तमान में परिवार के साथ महाराष्ट्र के जिला थाणे के थाना नालासोपारा के अचोल रोड स्थित एमडीनगर के किसराज स्कूल के नजदीक साईंनाथ अपार्टमेंट के रूम नंबर 103 में रहता था. इसी के साथ यह भी पता चला कि कानपुर के ग्वालटोली के मोहल्ला मकबरा के रहने वाले अब्बास की बेटी रीनू से उस का निकाह हुआ था.