एक दिन अनस हाशमी प्रियंका से मिलने उस के घर आया, प्रियंका ने दरवाजा बंद किया और अंदर आ कर उस से बातें करने लगी. कुछ देर में प्रियंका 2 प्याली चाय ले कर आई तो अनस हाशमी ने पूछा, ''भाईजान आए थे क्या?’’
''हां, आए तो थे, लेकिन एक सप्ताह रह कर चले गए.’’ प्रियंका बेमन से बोली.
अनस हाशमी को लगा कि वह रविकांत भाईजान से खुश नहीं है. उस ने मौके का फायदा उठाते हुए कहा, ''भाभी, मैं कुछ कहना चाहता हूं. पर डर लगता है कि कहीं तुम बुरा न मान जाओ.’’
''नहीं, तुम बताओ क्या बात है?’’
''भाभी, सच तो यह है कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मैं तुम से मोहब्बत करने लगा हूं.’’ अनस हाशमी ने एक ही झटके में अपनी बात कह दी.
प्रियंका बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली, ''क्या मतलब है तुम्हारा और हां प्यार का मतलब जानते हो. फिर मैं तुम्हारे दोस्त की पत्नी हूं. रिश्ते में तुम्हारी भाभी हूं.’’
''हां, लेकिन इस दिल का क्या करूं, जो तुम पर आ गया है. अब तो दिलोदिमाग पर तुम ही छाई रहती हो.’’ कहते हुए अनस हाशमी ने प्रियंका के गले में बांहें डाल दीं.
कैसे हिली रमाकांत की गृहस्थी की नींव
उस दिन के बाद प्रियंका की तो जैसे दुनिया ही बदल गई. अनस हाशमी प्रियंका के घर बेखौफ और बिना रोकटोक आता और दोनों रंगरलियां मनाते. अनस हाशमी जो भी कमाता, वह सब प्रियंका व उस के बच्चों पर ही खर्च करने लगा. प्रियंका भी बेखौफ हो कर अनस हाशमी के साथ घूमने फिरने लगी.
अनस हाशमी का पति की गैरमौजूदगी में प्रियंका के घर आनाजाना पड़ोसियों को खलने लगा. एक पड़ोसिन ने इस की शिकायत प्रियंका की सास से कर दी. शकुंतला बहू को ऊंचनीच सिखाने उस के घर आईं तो प्रियंका सास पर ही हावी हो गई और बोली, ''अम्मा, तुम हमारी फिक्र मत करो. अपने घर का खयाल मैं खुद रख लूंगी. तुम अपना घर संभालो. हमें नसीहत मत दो.’’