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सलमा सुलताना कुछ दिन अपने पिता एम.डी. मानिक के कुसमुंडा स्थित आवास में रहने के बाद जब वापस 21 अक्तूबर, 2018 को अपनी स्कूटी से जब मधुर साहू के आवास एलआईजी 17 शिवाजी नगर पहुंची तो देखा नजारा पहले जैसा नहीं है.

भीतर के कमरे में मधुर और किसी लडक़ी की आवाज सुनाई दी. दोनों बातें कर रहे थे. यह सुनना था कि सलमा सुलताना मानो आसमान से जमीन पर गिर पड़ी. उस की आंखों के आगे मधुर और उस के प्रेम संबंधों के दृश्य घूमने लगे. वह कितना प्यार करती है मधुर से, मगर यह तो छिपा रुस्तम निकला.

मधुर साहू ने बड़ी चतुराई के साथ सलमा के नाम यूनियन बैंक औफ इंडिया से 7.50 लाख रुपए लोन ले कर वहां वह पैसा अपने पास रख लिया था. उस ने वादा किया था कि सलमा के भाई को जिम में पार्टनर रखेगा. अब वह उस से भी मुंह चुरा रहा था.

अब धीरेधीरे मधुर की असलियत उस के सामने खुलती चली जा रही थी. पहले शादीशुदा होना फिर कई लड़कियों के साथ उस के संबंध और फोन पर बातचीत ने सलमा के सामने प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया था. लेकिन उस दिन तो वह प्रत्यक्ष रूप से देख रही थी कि उस के साथ कमरे के भीतर कोई लडक़ी है.

यह सब देख कर उस का मिजाज बिगड़ गया और उस ने अधिकारपूर्वक मधुर को बाहर बुलाया. जब मधुर साहू कमरे से बाहर आया तो सलमा ने नाराज होते हुए कहा, “यह सब क्या हो रहा है, तुम मुझे धोखा दे रहे हो.”

इतना सुन कर मधुर साहू मुसकराया और बोला, “तुम मेरे साथ शादी करने का सपना देखना भूल जाओ और हां, संबंध रखना हो तो बात दूसरी है.”

“तुम ने मेरे साथ क्या वादा किया था, वह भूल गए क्या?” सलमा ने पूछा.

“वादे तो होते ही हैं तोडऩे के लिए, मैं तो कह रहा हूं न, अब शादी ब्याह की बात भूल जाओ और सुन लो मैं किसी एक बंधन में नहीं रह सकता.”

“तुम मेरे साथ धोखा नहीं कर सकते, तुम जानते नहीं, मैं कौन हूं.” सलमा ने उसे धमकाया.

इस बीच कमरे से लडक़ी बाहर आ गई और दोनों को देखते हुए वह वहां से बाहर चली गई.

“देखो सलमा, मैं शादी करने की स्थिति में नहीं हूं. मैं शादीशुदा हूं, यह तुम जान चुकी हो. हां, साथ रहो, मेरे लायक जो भी बात हो बता देना, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा.”

सलमा का उसी की चुनरी से घोंटा गला

दोनों आपस में बात कर रहे थे और दोनों के बीच गरमागरमी बढ़ती चली गई. इसी दरमियान गुस्से में आ कर के मधुर साहू ने सलमा को थप्पड़ जड़ दिया. इस से सलमा बिफर पड़ी.

मधुर साहू एक हृष्टपुष्ट शख्स था. वह सलमा पर भारी पड़ रहा था. इसी समय दूसरे कमरे से उस का सहयोगी कौशल श्रीवास आ गया. मधुर के धोखे को देख कर सलमा ने आंसू बहाते हुए कहा, “तुम ने तो मेरी जिंदगी बरबाद कर दी. मैं ने तुम पर विश्वास किया था, अब मैं किसी को मुंह दिखाने के काबिल भी नहीं रही.”

यह कह कर के वह जाने लगी तो मधुर साहू ने उस का रास्ता रोक लिया और बोला, “देखो, मेरे सामने नौटंकी मत करो. तुम्हारे कदम मुझे ठीक नहीं लग रहे हैं.”

मधुर की मंशा को समझ कर सलमा बोली, “तुम्हें मेरे एप्रोच के बारे में मालूम नहीं है, मैं तुम्हें बरबाद कर दूंगी, जेल भिजवा दूंगी. मेरी एक शिकायत पर पुलिस तुम्हें उठा कर ले जाएगी.”

“अच्छा तो फिर तुम पुलिस के पास कभी जा ही नहीं पाओगी.” यह कहते हुए मधुर की आंखों में एक अलग ही चमक आ गई थी. उस ने सलमा का गला दबोच लिया और मारपीट करने के बाद उस की चुनरी से उस का गला दबाता चला गया. पास खड़े कौशल श्रीवास ने चीखतीछटपटाती सलमा के पांव पकड़ लिए थे.

थोड़ी ही देर में सलमा सुलताना वहां मृत पड़ी थी. यह दृश्य मधुर साहू के यहां नौकरानी का काम करने वाली सविता ने देख लिया था. उसे रुपए का लालच और पुलिस का डर दिखा कर के दोनों ने चुप रहने के लिए मना लिया. फिर देर रात मधुर और कौशल अपने एक सहयोगी अतुल शर्मा के साथ कार सीजी12ए वी1615 में सलमा के शव को रूमगढ़ा ले गए और उन्होंने शव को ‘जिमी की बौडी’ कह कर संबोधित करने का कोडवर्ड बना लिया. जिमी मधुर का पालतू डौगी था.

यह सब मधुर साहू ने इसलिए किया ताकि आगे कभी बातचीत मोबाइल पर हो तो कोई इस कोडवर्ड को समझ न सके. वहां खेत में सलमा के शव को ठिकाने लगाने की नाकामी के बाद कोरबा दर्री मुख्य सडक़ पर कोहडिय़ा, भवानी मंदिर के पास सडक़ किनारे गड्ढे में डाल कर ऊपर से मिट्टी डाल कर दफन कर दिया.

इस बीच सलमा के घर वालों ने उस की कोई खोजखबर नहीं ली. सलमा की बिंदास जीवनशैली को देख कर वे मानते रहे कि वह अपने पत्रकारिता के कार्य में व्यस्त है. मगर 20 जनवरी, 2019 को सलमा सुलताना के पिता एम.डी. मानिक का इंतकाल हो गया. पिता के अंतिम संस्कार में सलमा का मौजूद नहीं होना रिश्तेदारों को हैरानपरेशान कर रहा था. और यह चर्चा का सबब बन गया कि आखिर सलमा कहां चली गई है.

इस के बाद घर वालों ने सलाहमशविरा कर के कुसमुंडा थाने में सलमा सुलताना की गुमशुदगी दर्ज कराई. पुलिस ने कुछ लोगों के बयान दर्ज किए और कोई जानकारी नहीं मिलने पर फाइल बंद कर दी.

आईपीएस रौबिंसन गुडिय़ा ने खोली फाइल

घटना को 4 साल से ज्यादा बीत गए. इस दौरान कोरबा में आईपीएस व एसपी (सिटी) राबिन्सन गुडिय़ा आए. उन की नजर सलमा की गुमशुदगी की फाइल पर पड़ी. जब उन्होंने सलमा के फोटोग्राफ पढ़े और लोगों के बयान देखे तो महसूस हुआ कि सलमा के साथ कुछ अनहोनी हो गई है. इस के बाद उन्होंने इस की खोजखबर लेनी शुरू कर दी.

एक दिन खुद आईपीएस रौबिंसन गुडिय़ा कुसमुंडा स्थित सलमा सुलताना के घर जा पंहुचे और घर वालों से बातचीत की. यहां उस के भाई और अन्य लोगों ने जो जानकारी दी, उस के आधार पर उन्होंने जांच को गति दी. रौबिंसन गुडिय़ा को पता चला कि 21 अक्तूबर को सुबह सलमा घर से निकली थी. वह स्कूटी ले कर गई थी, मगर घर में बताया नहीं था.

इसलिए 22 तारीख को जब स्कूटी के चोरी की शंका से रिपोर्ट लिखाने की बात की जाने लगी तो यह खबर जिम संचालक मधुर साहू को हो गई, उस दिन रिपोर्ट लिखवा दी गई कि स्कूटी चोरी चली गई है. मगर दूसरे दिन सविता और कोमल ने आ कर के स्कूटी को वापस रख दिया था. उन्होंने बताया कि सलमा पुणे महाराष्ट्र चली गई है और अब वह वहीं काम करेगी.

 

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