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अजय ठाकुर के नंबर पर लगातार सर्विलांस की मदद से निगाह रखी जाने लगीं. पुलिस ने अजय ठाकुर के घर से उस का फोटो व अन्य जानकारियां हासिल कर ली थीं.

इंसपेक्टर अनिल राजपूत को पहली दिसंबर, 2022 की दोपहर एसआई उपेंद्र कुमार ने बताया कि अजय पाल शाम को चार मूर्ति गोल चक्कर के पास किसी से मिलने के लिए आने वाला है.

सूचना चूंकि सर्विलांस की मदद से और एक ऐसे व्यक्ति के जरिए मिली थी, जो अजय ठाकुर के लगातार संपर्क में था, इसलिए संदेह की गुंजाइश नहीं थी.

शाम को 4 बजे से ही पुलिस ने उस इलाके में जाल बिछा कर घेराबंदी कर दी, जहां अजय ठाकुर के आने की सूचना मिली थी. पुलिस का टारगेट वो इंसान था, जिस से अजय मिलने आने वाला था.

शाम को 8 बजे इंतजार की घडि़यां खत्म हुईं. बाइक पर सवार हो कर अजय ठाकुर जब अपने परिचित से मिलने पहुंचा तो उस के साथ एक युवती भी थी. पुलिस ने दोनों को दबोच लिया.

अजय ठाकुर को पकड़ते ही इंसपेक्टर अनिल राजपूत का उस से पहला सवाल था, ‘‘हेमलता कहां है? कहां छिपा रखा है उसे.’’

पुलिस के चंगुल में फंसते ही अजय के पांवों तले से जमीन खिसक गई. सकपकाए अजय को समझ ही नहीं आया कि वो क्या करे.

हकलाते हुए उस ने जवाब दिया, ‘‘कौन हेमलता साहब, मैं किसी हेमलता को नहीं जानता तो उसे छिपाऊंगा क्यों?’’

‘‘लगता है ये ऐसे नहीं बताएगा. थाने ले चलो इसे. वहीं इसे सब याद आ जाएगा.’’ इंसपेक्टर राजपूत ने कहा.

पुलिस दोनों को पकड़ कर बिसरख थाने ले आई. तब तक पुलिस को ये पता ही नहीं था कि उस के साथ जो लड़की है, वो कौन है. अलबत्ता थाने ला कर जब दोनों की तलाशी ली गई तो पुलिस को अजय ठाकुर की जेब से एक मैरिज सर्टिफिकेट मिला, जो उस युवती के साथ अजय की अदालत में रजिस्टर्ड हुई मैरिज का था, जो उस के साथ थी. सर्टिफिकेट पर अजय के साथ युवती का नाम पायल लिखा था.

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