रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि 21 नवंबर, 2022 की शाम 4 बजे वह खाना बना रही थी. खाना बनाने के बाद वह खुशबू के कमरे में गई तो वह अपने कमरे में नहीं मिली.
काफी देर तक उसे इधरउधर तलाश किया, लेकिन उस का कोई सुराग नहीं मिला. बाद में पता चला कि गांव का गौरव उन की बेटी खुशबू को कहीं बहलाफुसला कर ले गया है.
गौरव और उस के दोनों भाइयों का भी कुछ पता नहीं चल रहा. तीनों के मोबाइल भी बंद हैं. गौरव उन की बेटी को भगा कर ले गया है और इस में गांव के दीपू, उस के भाई सुमित तथा रजनीकांत का सहयोग रहा है.
पुलिस ने चारों के खिलाफ भादंवि की धारा 363 व 366 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. गौरव की तलाश के लिए पुलिस ने उस की रिश्तेदारियों के अलावा गाजियाबाद में जहां वह काम करता था, पर दबिशें दीं लेकिन उस का कोई सुराग नहीं मिला.
पुलिस ने दीपू, सुमित व रजनीकांत से भी पूछताछ की. वे गांव में ही थे. तीनों ने पुलिस को बताया कि गौरव से उन की गांव का होने के कारण जानपहचान है. उन्हें गौरव व खुशबू के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पुलिस को भी लगा कि खुशबू और गौरव के बारे में वे निर्दोष हैं.
पुलिस ने खुशबू के घर वालों के बताए स्थानों के अलावा अपने स्तर से भी कई ठिकों पर खशबू और गौरव को तलाशने के लिए दबिश दी. लेकिन हर बार पुलिस को असफलता ही मिली.
धीरेधीरे एक साल, डेढ़ साल और फिर लगभग 2 साल का समय बीत गया. थाना सिरसागंज के 5 एसएचओ और 4 विवेचक बदल गए थे. अपनी जवान बेटी के लापता हो जाने के बाद भी बेटी व उस के प्रेमी गौरव व अन्य परिजनों के बारे में जानकारी न मिलने पर भी खुशबू की मां आशा देवी ने हार नहीं मानी.
कहने को खुशबू के घर वाले यह बात मानने लगे थे कि खुशबू के साथ गौरव ने शादी कर ली है. एक ही जाति का होने के कारण उन्हें इस शादी पर कोई आपत्ति भी नहीं थी. लेकिन एक बार अपनी बेटी से मिलने के लिए वह बेचैन थे.
मां का दिल ही था, जो बेटी के लिए तड़प रहा था. खुशबू के लापता होने के बाद भी वह अपने स्तर से अपनी बेटी को तलाश करती रहीं. एक दिन वह अपने छोटे बेटे अंकुश के साथ गौरव की ननिहाल, जो मैनपुरी जिले के गांव खिरिदिया में थी, जा पहुंचीं.
वहां उन्हें वहां की एक महिला ने बताया कि गौरव की ननिहाल में एक दिन बातचीत चल रही थी कि खुशबू की हत्या कर दी गई है. इतना सुनते ही मां और भाई उल्टे पांव अपने घर लौट आए.
दूसरे दिन ही घर वालों ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज की. शिकायत किए जाने के कुछ दिन बाद जांच के लिए कुछ लोग गांव पहुंचे. इस बीच गौरव पक्ष के लोगों ने जांच टीम को बताया कि खुशबू अपनी राजी से गौरव के साथ गई थी. उस की मां अपनी बेटी के लिए पागल हो गई है. इस पर जांच टीम वापस चली गई.
मां आशा देवी ने फिर भी हार नहीं मानी. उन्होंने न्यायालय की शरण ली और बेटी को बरामद करने की मांग की. इस पर थाना सिरसागंज पुलिस पुन: सक्रिय हुई और गौरव की तलाश में दबिशों का दौर शुरू हो गया.
आखिर पुलिस की मेहनत रंग लाई और गौरव व उस के पिता चंद्रभान को 8 अक्तूबर, 2022 को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने सिरसागंज में करहरा जाने वाली सड़क के मोड़ पर स्थित ब्राइट स्कोर्लर स्कूल के पास से गिरफ्तार कर लिया.
दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में एसएचओ उदयवीर सिंह मलिक, इंसपेक्टर (क्राइम) दयाशंकर सिंह, एसएसआई मोहम्मद खालिद, एसआई वीरेंद्र सिंह धामा, कांस्टेबल घनेंद्र सिंह, अनिल कुमार, राजीव कुमार व महिला कांस्टेबल पारुल शामिल थी.
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को थाने लाया गया. पुलिस ने उन से पूछताछ की तो आरोपियों ने खुशबू के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की तो आरोपी गौरव टूट गया. उस ने जब बताया कि खुशबू तो अब इस दुनिया में ही नहीं है, यह सुन कर पुलिस के होश उड़ गए.
रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लापता हुई जवान बेटी को तलाशने के लिए मजबूर मातापिता थाने के चक्कर काटते रहे. मां थाने में जा कर बेटी के लिए कई बार बिलखती रही, लेकिन जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी न निभाते हुए घर वालों पर तरहतरह के तंज कसते रहे.
बेटी के लिए पिता ने उस की फोटो वाले पोस्टर भी छपवाए और 20 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित कर दिया. 2 साल तक घर वाले बेटी की तलाश में खाक छानते रहे. 5 इंसपेक्टर और 4 विवेचक बदल गए. लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात ही रहा था.
8 अक्तूबर, 2022 शनिवार का दिन खुशबू के घर वालों के लिए काला दिन साबित हुआ. बेटी के परिजन जिस बेटी को 2 साल से सभी जगहों पर तलाश रहे थे. उसी बेटी की लाश उन के घर के पास रहने वाले बेटी के प्रेमी गौरव के घर में होने की जानकारी मिली. उस दिन बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ अधिकारी गांव में पहुंच चुके थे.