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दूसरी तरफ सुनील मोनिका की खुबसूरती, स्वभाव, आचरण और व्यवहारिकता पर मर मिटा था. वह गांव की हो कर भी शहरी वातावरण में आसानी से फिट हो जाती थी. धाराप्रवाह अंगरेजी बोलना सीख गई थी. कंप्यूटर, इंटरनेट सर्फिंग, सोशल साइटों से संबंधित बारीकियां और दूसरी टेक्निकल जानकारियां भी हासिल कर चुकी थी. मोनिका अगर अपने करिअर के प्रति महत्त्वाकांक्षी बनी हुई थी तो सुनील उसे लाइफ पार्टनर बनाने का मन बना चुका था. दोनों का प्रेम प्रसंग बढ़ता जा रहा था.

पढ़ाई के लिए कनाडा पहुंची मोनिका

समय अपनी गति से चल रहा था तो वहीं मोनिका भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी. उस ने बीए की पढ़ाई पूरी करने के अलावा आइलेट्स की परीक्षा भी पास कर ली. उसे 2 सफलताएं एक साथ मिल गई थीं, जिस से उस के विदेश जाने की राह और आसान हो गई थी.

हालांकि इस के लिए उस के मौसेरे भाई विकास ने भी तैयारी की थी, लेकिन वह आइलेट्स की परीक्षा पास नहीं कर पाया था, जिस से उसे कनाडा का वीजा नहीं मिल पाया. फिर भी उसे खुशी इस बात की थी कि बहन मोनिका को स्टूडेंट वीजा मिल गया था. उसे वहां बिजनैस मैनेजमेंट यानी एमबीए की पढ़ाई करनी थी.

उन की इस खुशी में सुनील भी शामिल था, लेकिन उस के मन में एक टीस भी थी कि मोनिका कनाडा चली जाएगी और जब उसे उस की याद सताएगी तब क्या करेगा? वह एक तरह से उस की गैरमौजूदगी में अपनी तन्हाई को ले कर चिंतित हो गया था. उस ने भारी मन से 5 जनवरी, 2022 को दिल्ली के अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट से मोनिका को कनाडा के लिए विदा कर दिया था.

मोनिका के परिवार वालों के लिए संतोष और बेहद खुशी की बात थी कि कनाडा में उस की पढ़ाई का सारा इंतजाम हो गया था. उस के सुनहरे भविष्य को ले कर उस का भाई विकास समेत मौसामौसी और मम्मीपापा सभी खुश थे. इसे वे गर्व की बात समझते थे और परिचितों को बताने से नहीं चूकते थे. इस से उन की सामाजिक मानमर्यादा बढ़ गई थी. गांव के लोगों के बीच उन की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई थी.

अगर कोई उदास था तो वह था सुनील. मोनिका के जाने के बाद वह उस के प्रेम की रूमानियत और रोमांस में खोया रहने लगा था. मोनिका की यादें उसे सताती रहती थीं. वैसे वह उस से फोन पर बातें कर लिया करता था, लेकिन वहां मोनिका पढ़ाई की व्यस्तता और रातदिन में समय के फर्क के कारण ज्यादा समय तक बात नहीं कर पाती थी. जबकि सुनील चाहता था कि वह उस से लंबी बातें करे. अपने दिल की बात उसे सुनाए. उस की यादों में खोए हुए अपने गम के हाल बताए.

कुछ ऐसा ही मोनिका के घर वालों के साथ भी था, लेकिन वे उस की पढ़ाई और व्यस्तता को समझते हुए कुछ सेकेंड के लिए ही सही, हर रोज हालसमाचार ले लिया करते थे. समय बीतता रहा और मोनिका से फोन पर संपर्क होने का समय भी बढ़ता चला गया. घर वालों की उस से 2-3 दिन में बातें होने लगीं. धीरेधीरे कर हफ्ते में और फिर 2 हफ्ते में बात होने लगी.

एक समय ऐसा भी आया, जब मोनिका की घर वालों से 2-2 हफ्ते तक बात नहीं हो पाई. यह सिलसिला हफ्ते से महीने में बदल गया. लेकिन जून, 2022 के बाद घर के किसी भी सदस्य से मोनिका की बात नहीं हो पाई. जबकि इस से पहले परिवार में किसी न किसी सदस्य से मोनिका की थोड़ी ही सही, मगर हालचाल, पढ़ाई या जरूरतें आदि की बात हो जाती थी. इस तरह से उस की कुशलता की खबर पूरे परिवार को मिल जाती थी.

अचानक बंद हो गया मोनिका से संपर्क

जून, 2022 के बाद जब मोनिका की कोई काल नहीं आई और उस के घर वालों द्वारा काल किए जाने पर भी उस से बात नहीं हो पाई, तब वे चिंतित हो गए. वे समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक क्या हो गया, जो कनाडा गई मोनिका से भारत में किसी से बात नहीं हो पा रही है. न तो फोन काल और न ही वाट्सऐप मैसेज. उस से संपर्क एकदम से खत्म गया था.

इस तरह 5 महीने निकल गए थे और मोनिका का भारत में किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा था. आखिरकार, उस के घर वालों ने गन्नौर थाने में 26 अक्तूबर, 2022 को मोनिका के अपहरण की शिकायत दर्ज करवा दी. पुलिस द्वारा अपहरण के लिए किसी पर संदेह की बात पूछे जाने पर घर वालों ने सुनील का नाम ले लिया था, जिस से कुछ महीने में अच्छी दोस्ती हो चुकी थी.

मोनिका के घर वाले 2 दिनों तक गन्नौर पुलिस की काररवाई से संतुष्ट नहीं हुए. वे 28 अक्तूबर, 2022 को एसपी से मिले. फिर भी उन्हें मोनिका के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई. दूसरी तरफ मोनिका के अपहरण में सुनील का नाम आने से वह नाराज हो गया था. गुस्से में उस ने मोनिका के मौसामौसी के गुमड़ी गांव स्थित घर पर 2 नवंबर, 2022 को काफी हंगामा किया. यहां तक कि उस के आदमियों ने परिवार के सदस्यों पर हमले भी किए. यह सब सीसीटीवी कैमरे में रिकौर्ड हो चुका था.

काफी प्रयास के बाद 16 नवंबर, 2022 को सुनील के खिलाफ मोनिका के अपहरण का केस दर्ज हो पाया. फिर भी उस के खिलाफ पुलिस ने कोई सख्त काररवाई नहीं की, गिरफ्तारी तो दूर की बात थी. आखिरकार मोनिका के परिजनों ने हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज से मिल कर न्याय की गुहार लगाई.

इस का असर यह हुआ कि मोनिका के गायब होने की जांच रोहतक रेंज के आईजी को सौंप दी गई. उन्होंने तुरंत मामले की गंभीरता को देखते हुए मोनिका की तलाशी के लिए सीआईए-2 की टीम को इस मामले की जांच के निर्देश दिए.

घर वालों ने सुनील पर जताया शक

मोनिका की तलाशी के सिलसिले में पुलिस के लिए एकमात्र संदिग्ध सुनील ही था. उस के घर वालों के अलावा गांव के कुछ लोगों ने बताया की मोनिका को अकसर सुनील के साथ देखा गया था. वह उस की गाड़ी से ही कालेज या कोचिंग के लिए दिल्ली जाती थी. वापस भी उसी के साथ आती थी. गांव वालों की निगाह में सुनील उस के साथ बहन का रिश्ता बनाए हुए था. सुनील की लंबी चमकती गाड़ी वीआईपी नंबर की थी, जिसे हर कोई पहचानता था.

पूछताछ से पहले पुलिस ने उस के आपराधिक रिकौर्ड की छानबीन की. पता चला कि सुनील पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था. उस के खिलाफ थाना गन्नौर में मारपीट, अवैध हथियार, जान से मारने का प्रयास आदि के 7 मुकदमे दर्ज थे. उस के खिलाफ नया मामला मोनिका के अपहरण का दर्ज हो चुका था, जिस के लिए उसे भादंवि की धारा 365 का आरोपी बनाया गया था.

 

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