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पुलिस उस के हर संभावित  ठिकानों पर दबिश दे रही थी, लेकिन उस का कहीं पता नहीं चला. पुलिस फिर भी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी नहीं रही. उस की सुरागरसी के लिए अपने मुखबिरों को भी लगा दिया था. एक महीने बाद आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और कसया तिराहा से उसे उस समय दबोच लिया गया, जब वह कहीं भागने के फिराक में बस के आने के इंतजार में खड़ा था. पुलिस उसे गिरफ्तार कर के थाने ले आई और उस से पूछताछ करनी शुरू की.

रोशन राय कानून का ही एक मंझा हुआ नुमाइंदा था. कानून के दांवपेंच जानता था, इतनी आसानी से पुलिस के सामने टूटने वाला नहीं था. यह बात इंसपेक्टर सुरेंद्र सिंह भी जानते थे कि रोशन कितना बड़ा घाघ और मक्कार किस्म का इंसान है, आसानी से वह टूटने वाला नहीं था. पुलिस ने जब उस के साथ सख्ती की, तब जा कर वह घुटने टेकने को मजबूर हुआ और कुबूलते हुए पत्नी सोनी की हत्या किए जाने की बात स्वीकार कर ली. फिर उस ने हत्या जो कहानी बयां की, हैरतअंगेज निकली—

सोनी को हुआ प्यार...

22 वर्षीय सोनी अंसारी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के मंसाछापर मंगरुआ गांव की रहने वाली थी. 3 बहनों और एक भाई में वह सब से बड़ी थी. बाकी सब उस से छोटे थे. पिता इब्राहिम खान ट्रक ड्राइवर थे. वह माल सहित ट्रक ले कर जब बाहर जाते थे तो उन्हें घर लौटने में महीनों लग जाते थे. फिर पत्नी अश्मीना खातून परिवार की देखभाल करती थी. अश्मीना खातून के मजबूत कंधों पर बच्चों की परवरिश और उन की देखरेख की जिम्मेदारी थी, सो वह अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा भी रही थी.

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